रायपुर। नगर निगम रायपुर से 67 सिटी बसों का संचालन के लिए दुर्ग को एजेंसी ने अनुबंध किया था। इस अनुबंध के साथ एजेंसी को बसों के मेंटनेंस के लिए राशि का भुगतान भी किया गया है। इसके बावजूद शहर में करीब 36 बसें ही दौड़ रही है, जबकि अन्य बसों का संचालन नहीं किया जा रहा है। कलेक्टर ने इस मामले में अब बस ऑपरेटर पर सख्ती बतरने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए पहले बस ऑपरेटर को नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद भी अगर बसों का संचालन शुरू नहीं किया गया, तो उसका अनुबंध निरस्त कर दिया जाएगा।

कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह की अध्यक्षता में जिला शहरी सार्वजनिक सर्विस सोसाइटी की रेडक्रास सभाकक्ष में बैठक हुई। इस बैठक में शहर में संचालित सिटी बसों के संचालन पर चचर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि नगर निगम ने निविदा अनुसार बसों के रखरखाव के लिए बस ऑपरेटर को फंड जारी किया है, लेकिन इसके बाद भी सभी बसों का संचालन नहीं किया जा रहा है। इससे यात्रियों को सिटी बसों को सुविधा नहीं मिल पा रही है। कलेक्टर डा. गौरव सिंह ने इस मामले में बस ऑपरेटर को विधिवत नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इसके बाद भी अगर शेष बसों का संचालन ऑपरेटर नहीं करता, तो उसका अनुबंध निरस्त किया जाए।

10 साल से पहले कोई बस कंडम नहीं

कलेक्टर ने बैठक में यह मी निर्देश दिए है कि आरडीयूपीएसएस की कोई भी बस को तब तक कडम नहीं माना जाए, जब तक वह 10 साल तक चली न हो। 10 साल तक चलने के बाद ही बस को कंडम माना जाएगा। विदित हो कि इससे पहले रायपुर कलेक्टर रहे डा. नरेंद भुरे की अध्यक्षता में सार्वजनिक सर्विस सोसाईटी की बैठक में 7 साल चलो 17 सिटी बसों को कंडम बताकर उनकी नीलामी का आदेश जारी कर दिया था, जबकि बसों की संचालन अवधि 15 साल तक है।

46 बसें सुधारी गई 36 का ही संचालन

नगर निगम के साथ बस ऑपरेटर के बीच हुए अनुबंध के अनुसार कोरोना काल से बंद 67 सिटी बसों को सुधारकर संचालन किया जाना था। बस ऑपरेटर ने इनमें से 46 बसों को ही सुधार कराया। इनमें से भी 36 बसें ही राजधानी में चल रही है, जबकि 10 बसों का संचालन बंद है।

36 बसें संचालित 10 खड़ी हैं

बस ऑपरेटर मनीष जैन  कि, 46 बसों को सुधारा गया। इनमें 36 बसों का संचालन जारी है। 10 बसे खड़ी है। शेष 21 बसे कंडम हो गई है, जिनमें 17 की नीलामी का आदेश हुआ था। 

67 में 21 बसें डिपो में खड़ी-खड़ी हो गई कंडम

नगर निगम ने कोरोना काल से बंद पड़ी 67 बसों के संचालन के लिए टेंडर निकाला था। यह टेंडर दुर्ग के मनीष जैन बस ऑपरेटर को मिला है। यह टेंडर एक करोड़ 24 लाख रुपए में दिया गया था। इस टेंडर की शर्तों के अनुसार बस ऑपरेटर को टेंडर मिलने के बाद 45 दिनों के भीतर सभी बसों को सुधार कर संचालन करना था, लेकिन 21 बसों को सुधारा ही नहीं गया। यें बसें पंडरी स्थित बस डिपो में खड़ी खड़ी कंडम हो गई।

भाठागांव बसस्टैंड की पार्किंग के लिए होगा टेंडर जारी

भाठागांव स्थित अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल की पार्किंग वसूली के लिए टेंडर जारी होगा। बैठक में इस पर भी निर्णय लिया गया है। इसके लिए बसस्टैंड में पार्किंग शुल्क की वसूली के लिए न्यूनतम वार्षिक ऑफसेट प्राइस 60 लाख रुपए निर्धारित किया गया है। बैठक में डिपोन इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से बस स्टैंड में एटीएम खोले जाने का भी निर्णय लिया गया है। इस बैठक में नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।