रायपुर। छत्तीसगढ़ में सीएम विष्णुदेव साय की सरकार को बने तक़रीबन 6 महीने हो गए हैं। जिसमें से तक़रीबन 3 महीने चुनाव का रहा है। इस दौरान आचार संहिता की वजह से राज्य सरकार कोई नीतिगत निर्णय नहीं कर पाई है। ऐसे में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म हो गई है। ऐसे में अब प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है।
ऐसे में अब सीएम विष्णुदेव साय सरकार अपने छह महीने के कामकाज की समीक्षा करने जा रही है। जिसको लेकर बाकायदा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कहा जा रहा है कि, दिल्ली से लौटते ही सीएम साय स्वयं एक-एक विभाग के कामकाज की समीक्षा करेंगे। सीएम साय और दोनों डिप्टी सीएम अरुण साव व विजय शर्मा इस वक्त दिल्ली में है। आज पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण है। सीएम और डिप्टी सीएम शपथ ग्रहण समारोह के बाद रायपुर में लौटेंगे। उनके लौटते ही विभागीय समीक्षा बैठकों का दौर शुरू हो जाएगा। समीक्षा बैठक के लिए पहले 10 जून का कार्यक्रम तय किया गया था। लेकिन सीएम श्री साय के दिल्ली दौरे की वजह से इसे आगे बढ़ा दिया गया है।
मुख्य सचिव को दिए गए तैयारी के निर्देश
अफसरों के अनुसार, सीएम विष्णुदेव साय की समीक्षा बैठक के संबंध में मुख्य सचिव को पहले ही तैयारी करने के निर्देश जारी कर दिए गए थे। इसके आधार पर मुख्य सचिव ने सभी विभागों को एजेंडा जारी कर दिया है। बताया जाता है कि, विभागों की समीक्षा मंत्रियों के हिसाब से होगी। जिसमें एक- एक मंत्री के सभी विभागों की एक ही दिन में समीक्षा होगी।
मानूसन सत्र को लेकर विभागीय अफसरों के साथ होगी चर्चा
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो एजेंडा में बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र के वादों के क्रियान्वयन भी शामिल है। पीएम आवास योजना के साथ मानूसन की तैयारी को लेकर भी विभागीय अफसरों के साथ चर्चा होगी। सूत्रों के अनुसार इसी साल के अंत में नगरीय निकाय चुनाव होने से हैं। इसे ध्यान में रखते हुए नगरीय प्रशासन विभाग को जनता से जुड़ी योजनाओं को लेकर पर डिटेल रिपोर्ट लेकर आने के लिए कहा गया है।
विधानसभा के मानसून सत्र में भी होगी चर्चा
समीक्षा बैठकों के दौरान विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर भी चर्चा होगी। सूत्रों की मानें तो नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम से कराने और महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष पार्टी से कराने के संबंध में सरकार मानसून सत्र के दौरान संशोधन विधेयक पेश कर सकती है। आपको बता दें कि, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया था।