रायपुर। छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय ने UPSC-2023 का रिजल्ट जारी होने पर सफलता हासिल करने वाले अभ्यर्थियों से बातचीत की। जहां उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के सफल पूर्वा अग्रवाल से बातचीत की और उन्हें शुभकामनाएं दी, अनुषा पिल्लै से बातचीत की और रामनवमी के साथ पास होने की उन्हें शुभकामनाएं दी, अभिषेक डेंगे, नेहा ब्याडवाल से बातचीत की और उन्हें शुभकामनाएं दी, जगदलपुर की जिज्ञासा सहारे से बातचीत की और उन्हें रामनवमी के साथ पास होने की शुभकामनाएं दी और बलरामपुर की रश्मि पैकरा से बातचीत की और उन्हें शुभकामनाएं दी।
प्रदेश की दो बेटियों का हुआ चयन
उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ के दो अफसरों की बेटियों ने बड़ी सफलता हासिल की है। IPS रहे संजय पिल्ले और ACS रेणु पिल्लै की पुत्री अनुषा पिल्लै ने अपने दूसरे ही प्रयास में 202वीं रैंक हासिल की है। वहीं इनकम टैक्स के वरिष्ठ अफसर श्रवण कुमार मीना की बेटी, आईपीएस बद्रीनारायण मीणा की भतीजी नेहा ने UPSC क्रेक किया है। नेहा को 569 रैंक हासिल हुआ है। वहीं अनुषा पिल्ले का कहना है कि, फिलहाल वे सर्विस जॉइन नहीं करेंगी। 24 साल की अनुषा ने दूसरे अटैम्पट में ये सफलता हासिल की है। माता पिता के अलावा उनके भाई भी अच्छे पद पर हैं। अक्षय पिल्ले ने IAS रैंक हासिल की और ओडिशा कैडर में हैं।
डिग्री गर्ल्स कोलेज से किया स्नातक
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कालीबाड़ी स्थित डीबी गर्ल्स कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल करने वाली नेहा ब्याडवाल नेहा आईपीएस बन सकती हैं। स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद से ही नेहा यूपीएससी की तैयारी में लग गई थीं। चौथे प्रयास में उन्होंने यह सफलता हासिल की है।
अनुषा को विरासत में मिली है सिविल सर्विस
वहीं अनुषा पिल्ले के पिता IPS और मां IAS तो हैं ही, 2021 में उनके बड़े भाई अक्षय पिल्ले ने भी UPSC क्लियर किया। अक्षय को ऑल इंडिया रैंक 51 मिली थी। वो अभी ओडिशा कैडर के IAS हैं। 2021 में जब अनुषा के भाई का सेलेक्शन हुआ, उस साल अनुषा अपनी यूपीएससी की तैयारी में थी।
बचपन से था सिविल सर्विस को लेकर आकर्षण
अपनी सफलता से कोई खास उत्साहित नहीं लग रहीं अनुषा कहती हैं कि, मम्मी-पापा के सिविल सर्विस में रहने से बचपन से ही उनके मन में सिविल सर्विस को लेकर आकर्षण तो था ही, लेकिन जब आप बड़े होते हैं तो उस चार्म से आप क्या बदलाव ला सकते हैं, क्या कुछ बड़ा कर सकते हो, इसके बारे में सोचते हैं। हाईस्कूल के दौरान ही मुझे लगने लगा था कि IAS बनकर मैं समाज के लिए काफी कुछ कर सकती हूं।