रायपुर। छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग द्वारा प्रदेश में पिछड़ा वर्ग समुदाय के कल्याण को ध्यान में रखते हुए उनके आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और राजनैतिक भागीदारी पर अध्ययन करने का निर्णय लिया गया है। आयोग अध्यक्ष आरएस विश्वकर्मा की अध्यक्षता में 12 अगस्त से सर्वे का काम प्रारंभ हो गया है। आयोग द्वारा पिछड़ा वर्ग में शामिल जाति- समूह के संदर्भ में यदि कोई शोध अध्ययन करना चाहते हों, तो ऐसे शोधार्थी 30 सितम्बर तक आयोग को आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पिछड़ा वर्ग समुदाय के कल्याण के लिए छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया गया है। इस आशय के अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र में 27 जून 2020 को प्रकाशित भी की गई है। राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग में कुल 87 जाति समूह को शामिल किया गया है,जिसकी सूची छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की वेबसाईट पर में उपलब्ध है।
सरकार को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
आयोग द्वारा बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, प्रदेश में पिछड़े वर्ग की वर्तमान सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक स्थिति का अध्ययन, शासन के विभिन्न विभागों की संरचना एवं योजनाओं में पिछड़े वर्ग की भागीदारी की वर्तमान स्थिति का अध्ययन कर रिपोर्ट शासन को सौंपा जाएगा।
आयोग करेगा ये काम
यह आयोग निकायों और पंचायतों में ओबीसी आरक्षण तय करने के संबंध में अध्ययन करेगा। इसमें इसी प्रकार राज्य की शैक्षणिक संस्थाओं में पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को मिल रहे लाभों का अध्ययन। राज्य में पिछड़े वर्ग के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का आंकलन तथा इसमें वृध्दि की उपाय, राज्य में पिछड़े वर्ग की युवाओं के लिए कौशल उन्नयन कार्यकमों और प्रशिक्षण के संचालन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा। पिछड़े वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक कल्याण हेतु अन्य उपाय तथा अनुशंसा भी की जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य में त्रि-स्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण के संबंध में अध्ययन कर रिपोर्ट से राज्य शासन को अवगत कराया जाएगा।