आशीष कुमार गुप्ता-बतौली। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में एक पुलिस वाले ने स्कूटी सवार को ठोकर मार दी। हादसे में एक युवक की मौत हो गई। इसके बाद बड़ी ही चतुराई से अपने अपराध छुपाने के लिए घटना का आरोप एक निर्दोष युवक पर लगा दिया। युवक ने परिवार सहित न्याय की मांग के लिए पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक सरगुजा को ज्ञापन सौंपा है।
बताया जा रहा है कि, बतौली थाने में पदस्थ पुलिस आरक्षक अशोक भगत ने एक साल पहले कोतवाली थाना अंतर्गत लालमाटी राष्ट्री राजमार्ग 43 में अपनी इनोवा कार से सामने से आ रहे स्कूटी सवार को ठोकर मार दी। हादसे में स्कूटी चालक सुमेन दास (19), पिता विजय दास की मौत हो गई। वहीं पीछे बैठे सोनाई चंद की हालत गंभीर थी।

निर्दोष पर लगाया झूठा आरोप
अपने अपराध को छुपाने के लिए आरक्षक अशोक भगत ने साजिश रची। बतौली शांतिपारा निवाशी बीरेंद्र तिवारी पिता अशोक कुमार तिवारी से अच्छे संबंध का फायदा उठाते हुए उसने उसे अपने जाल में फांस लिया। आरक्षक ने बीरेंद्र तिवारी को बताया कि, इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम लेना है आप अपना लाइसेंस दे दो, मेरा लाइसेंस गुम हो गया है। मेरा इनोवा वाहन बिजली खंभा से लड़ गया है। बीरेंद्र के भरोसे का फायदा उठाकर आरक्षक ने बीरेंद्र के लाइसेंस, आधारकार्ड लेकर शो रूम में कागज पर दस्तक करवा लिया।
सरगुजा जिले में एक पुलिस वाले ने स्कूटी सवार को ठोकर मार दी। हादसे में एक युवक की मौत हो गई। इसके बाद बड़ी ही चतुराई से अपने अपराध छुपाने के लिए घटना का आरोप एक निर्दोष युवक पर लगा दिया. @SurgujaDist #Chhattisgarh #CGNews @Surguja_police #Accident pic.twitter.com/DJ8VEjZKQa
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) March 26, 2025
अनुबंध के बाद भी परेशान कर रहा आरक्षक
साजिश से अनजान बीरेंद्र को बिलासपुर न्यायालय से नोटिस आने और मृत युवक सहित घायल युवक को 32 लाख की क्लेम राशि भुगतान सहित न्यायालय में उपस्थित होने कहा गया तो उसे मामला समझ आया। जब उसने पुलिस आरक्षक को गुमराह करने का कारण पूछा तो आरक्षक ने युवक को झांसे में लेते हुए एक अनुबंध तैयार कराया। इस अनुबंध में उसने कहा कि, वह सारे खर्चे खुद उठाएगा। लेकिन अनुबंध के बाद भी आरक्षक उसे परेशान कर रहा है। इससे पेरशान युवक ने आरक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
एस.एस.पी अमलोक सिंह ढिल्लो ने कार्रवाई का दिया आश्वासन
एस.एस.पी अमलोक सिंह ढिल्लो ने कार्रवाई का दिया आश्वासन
इस संबंध में पीड़ित वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि, परिचय का गलत फायदा उठाते हुए पुलिस आरक्षक ने मेरे साथ-साथ पुलिस विभाग को भी गुमराह कर दिया। उसने कहा कि, मुझपर झूठा आरोप लगाया गया है। मैं घटना से पहले से ही प्रयागराज उत्तरप्रदेश में था। इसके सारे सबूत मैंने सरगुजा पुलिस को सौंपा है। इस मामले में सरगुजा एस.एस.पी अमलोक सिंह ढिल्लो ने कहा कि, मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।