संदीप करिहार- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक आरक्षक का नाम खूंखार अपराधियों से जुड़ा पाया गया, जिसके बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया है। आरक्षक बबलू बंजारे पुलिस में रहते हुए गुंडों के लिए मुखबिरी करता था। जब जांच की गई तो उसके वाट्सऐप चैट और कॉल रिकॉर्ड को खंगालने पर यह बात सामने आई। इस पर कार्रवाई करते हुए एसपी ने उसे बर्खास्त कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि, बीते दिनों थाना हिर्री क्षेत्रान्तर्गत रतनपुर बाईपास स्थित ग्राम बेलमुण्डी के पास खूंखार अपराधियों के पिस्टल, देशी कट्टा और चापड़ से लैस होकर किसी घटना को अंजाम देने की सूचना पर बिलासपुर पुलिस ने 10 अपराधियों को घेराबंदी कर पकड़ा। इनमें जब्बार गौरी, इमरान कुरैशी, विनोद कुमार धृतलहरे, तरसेलाल भगत, अजमेरी, मो.फरमान, वाजीद कुरैशी, साकीब कुरैशी, नवील खान, दानिश कुरैशी शामिल थे। अभियुक्त जब्बार गौरी उत्तर प्रदेश का खतरनाक अपराधी है, जिसके विरूद्ध गैगस्टर एक्ट सहित अनेक गंभीर किस्म के अपराध पंजीबद्ध हैं। इमरान खान भी उत्तरप्रदेश का ही निवासी है। अपराधियों ने हथियार से लैस होकर रेड करने गई पुलिस टीम को चुनौती देते हुए गोली मारने की धमकी देने का दुस्साहस किया था। 

आरक्षक बबलू बंजारे

अपराधियों के साथ करता था चेटिंग

 गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल में आरक्षक 1187 बबलू बंजारे, थाना सिरगिट्टी के फोन से लगातार संपर्क में रहने और इस प्रकार प्रथम दृष्ट्या आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता उजागर होने पर उसे 12 मई को निलंबित किया गया था। आरक्षक की आपराधिक संलिप्तता की जांच पर आरक्षक बबलू बंजारे व्हाट्सएप चैट के माध्यम से इनसे लगातार इनके संपर्क में रहा और करीबी मित्र की तरह व्हाट्सएप चैट कर रहा था। घातक अपराधियों से घनिष्ठता, फोन और व्हाट्सएप के माध्यम से विभाग की गोपनीय जानकारी साझा करना, बारकोड भेजना और पेमेंट का स्क्रीन शॉट भेजना आदि से आरक्षक की अवैध एवं खतरनाक आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता उजागर हुई। 

पहले भी कई मामलों में आया नाम

इसके पूर्व भी थाना सकरी के छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम एवं पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम में भी आरक्षक का नाम शामिल हुआ था। एक अन्य प्रकरण में इस बर्खास्त आरक्षक ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को बचाने के लिए उसकी मदद की थी। इस तरह कांस्टेबल अपनी पुलिस की नौकरी की आड़ में लगातार खतरनाक अपराधियों के संपर्क में रहकर उनकी मदद करता रहा।

पुलिस की छवि हो रही थी प्रभावित

आरक्षक की इस प्रकार की आपराधिक प्रवृत्ति से पुलिस की छवि धूमिल हो रही थी, जिसे देखते हुए पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने extra ordinary & exemplary action लेते हुए भारतीय संविधान की कंडिका 311 के खड (2) के उपखण्ड ‘‘ख’’ के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर आरक्षक क्र. 1187 बबलू बंजारे, रक्षित केंद्र बिलासपुर को तत्काल प्रभाव से पुलिस विभाग की सेवा से बर्खास्त (Dismissed from service) किया गया है। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के द्वारा पुलिस की छवि को प्रभावित करने व जन सामान्य को शांति एवं सुरक्षा प्रदान करने में इस तरह वर्दी की आड़ में अनर्गल कार्यों में संलिप्त रहने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने सचेत किया गया है।