रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने  संविदा नियुक्ति के संबंध में कैबिनेट में लिया गया निर्णय अब लागू होगा। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 में सरकार ने संशोधन किया है। अब विभागीय जांच होने या अभियोजन लंबित होने पर संविदा नियुक्ति के लिए अपात्र माना जाएगा। संविदा कर्मियों को अब साल में 18 दिन अवकाश की पात्रता रहेगी। इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना का प्रकाशन कराया है।

अब हुआ ये संशोधन

छत्तीसगढ़ सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने 29 फरवरी को जारी अधिसूचना में संविदा नियुक्त के लिए अनहर्ताएं में यह स्पष्ट किया गया। है कि विभागीय जांच या अभियोजन लंबित होने पर सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों की संविदा नियुक्ति के लिए अपात्र होंगे। 2012 के मूल नियम में यही प्रावधान था। सरकार ने इसे पूर्ववत लागू किया है। इसी क्रम में अवकाश संबधी नियम में भी संशोधन किया गया है। संविदा कर्मियों को पूर्ववर्ती सरकार ने 30 दिनों के अवकाश का प्रावधान दिया था, अब इसे बदलकर 18 दिन कर दिया गया है।

कांग्रेस सरकार ने किया था बदलाव

खास बात ये है कि राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने संविदा भर्ती नियम 2012 में संशोधन किया गया था। जानकारों का मानना है कि इस संशोधन की वजह से पूर्व सरकार में काम कर रहे कुछ अधिकारियों को लाभ मिल रहा था। जिन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच एवं अभियोजन लंबित होने थे, वे भी संविदा में नियुक्त थे। पिछली सरकार ने 2012 के नियमों में संशोधन करके ऐसा किया था। 2023 में बनी भाजपा सरकार ने पूवर्वती कांग्रेस सरकार के समय हुए संशोधन को निरस्त किया है। अगस्त 2023 में उक्त नियम में यह संशोधन किया गया था कि विभागीय जांच उपरांत, शास्ति प्रभावशील होने अथवा अपराधिक प्रकरण में न्यायालय द्वारा दंडित होने पर संविदा नियुक्ति के लिए अपात्र होंगे।