प्रेम सोमवंशी- कोटा। छत्तीसगढ़ के कोटा में भगवा गुंडा कहे जाने पर हिन्दूवादी संगठनों ने स्थानीय विधायक का पुतला दहन किया। कोटा से कांग्रेसी विधायक अटल श्रीवास्तव ने हिंदूवादी संगठन और बीजेपी के लोगों को भगवा गुंडा कहा था। वहीं अब इस मामले ने तुल पकड़ लिया है। इससे पहले भी प्रदेश में धर्मान्तरण को लेकर गाहे बगाहे राजनीति होती रही है। भगवा गुंडा कहने के बाद हिंदूवादी संगठन में खासा आक्रोश देखा जा रहा है।
दरअसल विधायक अटल श्रीवास्तव ने आदिवासी प्रार्थना घर के मामले में दिए गए विवादित बयान के विरोध में गुरुवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका पुतला दहन किया। भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने सोशल मीडिया पर श्रीवास्तव के आरोपों का जवाब देते हुए उन पर हिंदू धर्मांतरण को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाया, जिससे दोनों दलों के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया है। आदिवासी प्रार्थना घर विवाद को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक तनाव अपने चरम पर है।
भाजपा कार्यकर्ताओं को कहा था भगवा गुंडा
भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने विधायक अटल श्रीवास्तव को चुनौती देते हुए आरोप लगाया कि, वह पट्टे की जमीन पर बने अवैध चर्च का समर्थन करके हिंदू धर्मांतरण की पृष्ठभूमि तैयार कर रहे हैं। जूदेव ने भगवाधारी कार्यकर्ताओं का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें गुंडा और आतंकवादी कहना अस्वीकार्य है और इसे सहन नहीं किया जाएगा। अटल श्रीवास्तव ने अपने बयान में जूदेव और उनके समर्थकों को भगवा गुंडा कहा था। जिससे भाजपा कार्यकर्ताओं में गहरी नाराजगी है।
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क्षेत्र में धर्मांतरण की बाढ़ आ गई है- जिला महामंत्री
इस मामले में भाजपा के जिला महामंत्री मोहित जायसवाल ने आरोप लागते हुए कहा कि, अटल श्रीवास्तव क्षेत्रीय विधायक बनने के बाद क्षेत्र में लगातार धर्मांतरण की बाढ़ आ गई है। हमारे हिन्दू समाज के लोग हैं उनको धर्मांतरित करने के लिए मिशनरी के लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। दो दिन पहले मूङू के बंगला भाटा में जो घटना हुआ वहां आदिवासी प्रार्थना सभा भवन के नाम से चर्च का शुभारंभ किया जा रहा था।
उग्र प्रदर्शन की दी चेतावनी
पूरे वनांचल क्षेत्र में धर्मांतरण के खेल खेला जा रहा है। लगातार धर्मांतरण को बढ़ावा दिया जा रहा हैं इसके विरोध में कोटा के विधायक का पुतला दहन किया गया है। अगर धर्मांतरण को नहीं रोक गया तो आगे और उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। रतनपुर के महामाया चौक पर आयोजित पुतला दहन के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था जिससे किसी भी अप्रिय स्थिति को रोका जा सके।