रायपुर। राजधानी के तेलीबांधा थाना से वीआईपी चौक तक 2 करोड़ खर्च कर कराया गया सौंदर्यीकरण और डिवाइडर निर्माण कार्य की अब जांच होगी। डिवाइडर निर्माण में गड़बड़ी का मामला विधानसभा में उठने के बाद राज्य शासन ने सौंदर्गीकरण और डिवाइडर निर्माण में हुई गड़बड़ी की जांच करने के आदेश दिये हैं। विधानसभा में मामला उठने के बाद 4 सदस्यीय समिति पूरे मामले की जांच कर शासन को इसकी रिपोर्ट देगी। तेलीबांधा थाना से वीआईपी रोड तिराहे को चमकाने और डिवाइडर निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। 

राज्योत्सव से पहले बाहर के राज्यों से आए अतिथियों और कलाकार को रिझाने आनन- फानन में कंक्रीट पर हरियाली दिखाने लगाई गई कृत्रिम घास बिछाई गई। यह घास 2 साल में भी जगह-जगह से उखड़कर कर बेरंग हो गई है। तेलीबांधा से एयरपोर्ट आने-जाने वाले रास्ते में डिवाइडर के बीच महंगे सजावटी सामान बाहर से मंगाकर आनन-फानन में लगाए गए, यह सामान जगह-जगह टूटने लगे है। कंक्रीट की परत उखड़ने से निर्माण कार्य की गुणवत्ता खुलकर सामने आई है।

बिना टेंडर का काम, ठेकेदार, नेता को लाभ पहुंचाने का लगा आरोप

सूत्रों के मुताबिक 2 साल पूर्व हुए डिवाइडर निर्माण और सौंदर्गीकरण का काम बिना टेंडर के कराया गया। यह कार्य जोन 10 क्षेत्र में हुआ है। आरोप ये है कि पूववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बिना टेंडर के कराए गए काम में सत्ता पक्ष के नेता व उनके चहेते ठेकेदार को उपकृत करने आनन-फानन में निर्माण कार्य कराया गया।

नगरीय प्रशासन मंत्री ने की जांच समिति बनाने की घोषणा चार सदस्यीय समिति गठित

पिछले दिनों छत्तीसगढ़ विधानसभा में पूर्व मंत्री व विधायक अजय चंद्राकर ने तेलीबांधा थाना से वीआईपी चौक तक सौंदर्यीकरण और डिवाइडर निर्माण मामले को विधानसभा में उठाया। इस पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने विधानसभा में इसकी जांच के लिए समिति बनाने की घोषणा की। संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन विभाग ने इसका हवाला देते हुए अवर सचिव नगरीय प्रशासन विभाग को जांच के लिए समिति गठित करने आदेश जारी कर पत्र लिखा। समिति में रायपुर संभाग आयुक्त अध्यक्ष, अपर कलेक्टर, नगरीय प्रशासन विभाग के चीफ इंजीनियर और संयुक्त संचालक जांच समिति के सदस्य बनाए गए हैं।

मचा था बवाल, टेंडर में गड़बड़ी का आरोप लगा

तेलीबांधा से वीआईपी तिराहा तक डिवाइडर निर्माण और सौंदर्यीकरण को लेकर भाजपा पार्षद दल ने टेंडर में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए विरोध जताया। इसे लेकर बवाल मचा था। 2 करोड़ रुपए से ज्यादा के टेंडर को जोन 10 के माध्यम से 10 टुकड़ों में कराए जाने पर बिफरी नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने इसकी जांच की मांग उठाई। भाजपा पार्षदों ने रायपुर नगर निगम और रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जोर-शोर से मुद्दा उठाया था। बताते चलें कि नगर निगम में यह मामला गरमाने पर एक जांच कमेटी भी गठित की गई। इसे 7 दिन में अपनी रिपोर्ट देनी थी, पर समिति पखवाड़ा बीतने के बाद भी अपनी रिपोर्ट नहीं दे पाई। निगम अफसर इस बात पर अड़े रहे, टेंडर के पहले जो काम हुआ, उसे जोन के माध्यम से नहीं कराया गया, बल्कि एयरपोर्ट वाले इस हिस्से को आकर्षक बनाने का काम क्रेडाई सदस्यों के सहयोग से कराया गया है। इसमें होने वाले 50 लाख रुपए के खर्च की सहमति केडाई के सदस्यों ने दी।