कस्टम मिलिंग घोटाला : शराब फर्जीवाड़ा के किंग पिन अनवर ढेबर और  टुटेजा भी शामिल 

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कस्टम मिलिंग घोटाले में भी शराब घोटाले के किंग पिन सेवानिवृत्त आईएएस अनिल टूटेजा तथा अनवर ढेबर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 

रायपुर। नई सरकार के गठन के बाद से ही कस्टम मिलिंग घोटाले की नींव रखने का काम शुरू हो गया था। कस्टम मिलिंग घोटाले में भी शराब घोटाले के किंग पिन सेवानिवृत्त आईएएस अनिल टूटेजा तथा अनवर ढेबर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कस्टम मिलिंग घोटाला करने की रूप रेखा तैयार करने सरकार के करीबियों में शामिल कैलाश रुंगटा को राइस मिल एसोसिएशन का अध्यक्ष बनाया गया। घोटाला को अंजाम देने तथा पैसा कलेक्शन करने रोशन चंद्राकर को एसोसिएशन का कोषाध्याक्ष बनवाया गया।

ईओडब्लू की जांच में जो बातें सामने आई है उसके मुताबिक, स्कैम की शुरुआत पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा तथा रोशन चंद्राकर की उद्योग भवन में बैठक के बाद शुरू हुई। वर्ष 2021-22 में खरीदी गई 104 लाख मिट्रीक टन धान की निष्पादन करने खाद्य सचिव से केंद्रीय कोटा की मांग करने रोशन चंद्राकर को अनिल टूटेजा निर्देश देते हैं। इसके बाद केंद्र सरकार करीब 62 लाख मिट्रीक टन धान के कोटा की अनुमति देती है। मिलिंग में परेशानी आने पर प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी करने अनुमति प्रदान की जाती है। बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि से पार्टी फंड जुटाने की व्यवस्था की जाती है।

कमीशन राशि का ऐसा था पाइपलाइन

राइस मिलरों से प्राप्त कमीशन की राशि की रोशन चंद्राकर, रामगोपाल अग्रवाल तक पहुंचाने का काम करता था। आईटी, ईडी के छापे के बाद रामगोपाल का रोशन से संपर्क नहीं हो पाया। रोशन ने अनिल टूटेजा से संपर्क किया। इस दौरान रोशन ने टूटेजा को बताया की कुछ जिलों के राइस मिलरों से कलेक्शन नहीं हो पाया है। इस पर टूटेजा ने रोशन को अनवर से संपर्क करने के लिए कहा। टूटेजा ने रोशन का अनवर ढेबर से संपर्क कर सिद्धार्थ सिंघानिया से संपर्क कराया। इसके बाद मार्च 2023 में अलग-अलग जिलों के राइस मिलरों से रोशन चंद्राकर ने 20 से 22 करोड़ रुपए वसूल कर सिद्धार्थ सिंघानिया तक पहुंचाया। सिद्धार्थ ने उक्त पैसे अनवर के माध्यम से टूटेजा तक पहुंचाने का काम किया।

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राइस मिलरों की इस कमजोरी का फायदा उठाया

कस्टम मिलिंग करने धान उठाने राइस मिलरों को मार्कफेड के पास एडवांस में पैसा जमा कराना पड़ता है। इसके लिए बड़ी रकम की जरूरत पड़ती है। कस्टम मिलिंग करने राइस मिलर बैंक से कैश क्रेडिट लिमिट बनवाते हैं। तय समय में पैसा जमा नहीं करने पर राइस मिलरों को भारी भरकम ब्याज देना पड़ता है। इसी बात का फायदा उठाते हुए कस्टम मिलिंग की जल्द राशि जारी करने राइस मिलरों से कस्टम मिलिंग का भुगतान करने के एवज में वसूली की गई।

कमीशन राशि की दो किश्तों में वसूली

ईओडब्लू ने अपनी जांच में पाया है कि राइस मिलरों से कस्टम मिलिंग की आड़ में की गई अवैध वसूली दो किश्तों में की गई। कस्टम मिलिंग करने प्रोत्साहन राशि मिलिंग खर्च 120 रुपए दो किश्तों में देने निर्णय लिया गया। इस वजह से राइस मिलरों से कस्टम मिलिंग की आड़ में दो किश्तों में 40 रुपए कमीशन के रूप में वसूल की गई।

रामगोपाल ने इशारों वसूली के संकेत दे दिए थे

कस्टम मिलिंग चार्ज बढ़ाए जाने के बाद वर्ष 2021 में वीआईपी रोड स्थित बेवीलॉन होटल में मुख्यमंत्री के लिए आभार प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश के सात सौ राइस मिलर उपस्थित हुए थे। तब मंच में नागरिक आपूर्ति निगम के तत्कालीन चेयरमैन राम गोपाल अग्रवाल ने अपने भाषण में कहा कि सरकार आपके लिए कर रही है, आपको भी मदद करनी होगी।

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