रायपुर। जंगल सफारी में रह रहे 36 में से 16 नहीं, बल्कि 35 काले हिरणों की मौत की खबर आ रही है। इतने हिरणों की मौत के बाद ही सफारी प्रबंधन आनन- फानन में सीडेजए से अनुमति लेकर बिलासपुर कानन-पेंडारी से 40 काले हिरण लेकर आया है ताकि मामले को छिपाया जा सके। इसके साथ ही कानन पेंडारी से लाए गए तीन में से दो माउस हिरणों की मौत की भी बात खुल रही है,जिनका सफारी प्रबंधन ने गुपचुप तरीके से पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया है। आशंका है कि सफारी में संक्रमण फैला हो सकता है। 

गौरतलब है कि,  जंगल सफारी में आठ महीने के भीतर काले हिरणों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने की खबर हरिभूमि ने प्रमुखताके साथ प्रकाशित की थी। खबर प्रकाशित होने के बाद हरिभूमि की टीम ने पूरे मामले की पड़ताल की, तो सफारी में अगस्त में ही 23  काले हिरणों की मौत होने की जानकारी मिली। काले हिरणों की मौत टीवी से होने की बात जंगल सफारी के डायरेक्टर धम्मशील गणवीर पहले ही बता चुके हैं।  

उपचार में लापरवाही

विभागीय सूत्रों के मुताबिक,  थोक में काले हिरणों की मौत होने की वजह उपचार में लापरवाही है। कुछ काले हिरणों के बीमार होने की पुष्टि पहले ही हो चुकी थी, बावजूद इसके वन्यजीव चिकित्सक ने मामले की जानकारी सफारी प्रबंधन को नहीं दी। इसके कारण संक्रमण अन्य काले हिरणों में तेजी से फैलता गया और उनकी सिलसिलेवार मौत होती गई। गौरतलब है कि जंगल सफारी में कानन-पेंडारी जू से जब 40 काले हिरण लाए गए, उसी समय कानन- पेंडारी जू से तीन माउस हिरण सफारी में लाए गए। कानन-पेंडारी जू से लाए गए तीन माउस हिरण में से दो की मौत एक माह के भीतर हो गई। सूत्रों के मुताबिक दो माउस हिरण की मौत 30 अगस्त से एक सितंबर के बीच हुई है।

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वन्यजीवों की मौत पर जांच की मांग

जंगल सफारी में 35 काले हिरणों की मौत को लेकर वन्यजीव प्रेमी सवाल उठा रहे हैं। वन्यजीव प्रेमी ने सीजेडए की निगरानी में काले हिरणों के साथ माउस हिरण की मौत किन परिस्थितियों में और कैसे हुई, इसकी जांच करने की मांग की है। साथ ही जांच में ऐसे एनजीओ जिनका वन विभाग से किसी भी तरह का संबंध नहीं है, उसे जांच में शामिल करने की मांग की है।

अफसर ने कहा- कार्रवाई करेंगे

काले हिरणों की मौत की खबर प्रकाशित होने के बाद सफारी के डायरेक्टर धम्मशील गणवीर का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी। इसके बाद अफसर ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही। अफसर वन्यजीव चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई करने पत्र लिखने के बात कह रहे हैं।

मौत के बाद देखने के लिए पहुंचे

सूत्रों के मुताबिक कानन- पेंडारी से लाए गए दो माउस हिरण के बीमार होने की जानकारी मिलने पर वन्यजीव चिकित्सक बीमार हिरण को देखने के लिए नहीं पहुंचे। माउस हिरण की मौत की जानकारी मिलने पर डॉक्टर हिरण को देखने के लिए पहुंचे। माउस हिरणों की मौत किन कारणों से हुई है, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।