पंकज भदौरिया- दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ सरकार किसानों की स्थिति समृद्ध और खुशहाल करने के लिये तमाम तरह योजनाओं से किसानों को जोड़ रही है। ताकि, किसानों को हर संभव मदद उनकी खेती किसानी के लिये मिल सके। कृषि विभाग ने खेतिहर किसानों को कृषि उपकरण बाटने की बजाय गोदाम में कबाड़ में रखकर बाटना ही भूल गयी है।
पुराना कृषि कार्यालय में वर्षो पहले कृषि विभाग संचालित होता था, वह भवन खंडहर हो गया है। इस भवन के चारों तरफ की दीवालें फट गई है, भवन का सज्जा जमीन तरफ गिरने को लटक गया है। इस भवन के अंदर किसानों को बाटने के लिये गैती, रापा, धान सफाई मशीन, वाटर पंप, पानी सप्लाई के कई बंडल बेतरतीब ढंग से पड़े हुये, जो अधिकारियों की लापरवाही उजागर करने के लिये काफी है।
गोदाम में पड़े हैं कृषि उपकरण
दंतेवाड़ा जिला पूर्ण रूप से जैविक जिले का तमगा बटोरे हुये है। कृषि उपकरणों का इस तरह से कबाड़ और डंपिंग यार्ड में बताता है कि, भ्रष्टाचार से लिप्त महकमा किसानों के नाम से लाखों के कृषि उपकरण सप्लायर से खरीदवाने में देर नही करता है। लेकिन जब उन्ही कृषि उपकरण को दंतेवाड़ा जिले के तमाम उन जरूरमंद किसानों को देने से पहले ही उन्हें गोदाम में रखकर भूल गए है। राज्य सरकार किसानों को लेकर हमेशा लाभकारी योजनाओं की घोषणा करती रही है। ताकि, किसानों की स्थिति बेहतर हो सके। नक्सल प्रभावित जिले के अंदरूनी इलाको में किसानों तक योजनाओं के पहुंचने से पहले ही गोदाम में दम तोड़ देती है। हालांकि, कबाड़ की तरह पड़े कृषि उपकरणों की हमे सटीक लागत की जानकारी विभाग द्वारा नही मिल पाई है।
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बटवाये जाते हैं सभी कृषि उपकरण- डीडीए
इस मामले को लेकर कृषि विभाग के डीडीए सूरज पंसारी ने कहा कि, जो भी उपकरण किसानों के लिये आते हैं, उन्हें हम जरूर बटवाते हैं। आप किस गोदाम की बात कर रहे हैं मैं अनभिज्ञ हूं। मैं उसे भी दिखवा लेता हूं और उपकरणों को किसानों को बटवाता हूं।