दंतेवाड़ा। न्यायालय में भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा की कापियों को बाबू व चौकीदार ने 5-5 लाख में सौदा कर बदल दिया। रिजल्ट घोषित होने पर फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ। रिपोर्ट दर्ज कराने पर पुलिस ने बाबू, चौकीदार सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है । न्यायालय ने स्थानीय स्तर पर पिछले माह 5 पदों के लिए परीक्षा का आयोजन किया था। सहायक ग्रेड 3 के लिए 4 पद तथा स्टेनो के 1 पद के लिए 25 अगस्त को परीक्षा संपादित की गई। 

इन पदों के लिए कोर्ट के बाबू और चौकीदार ने अभ्यार्थियों से संपर्क कर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। इन दोनों ने 5 अभ्यार्थियों से 5-5 लाख रुपए का सौदा कर उत्तर पुस्तिका ही स्ट्रांग रूम से निकाल कर दे दी। हस्ताक्षर भी चयन समिति की फर्जी किए गए। इन हस्ताक्षरों से ही अधिकारियों को शक हुआ। सीसीटीवी और अन्य गतिविधियों पर  नजर डाली गई तो पूरा मामला खुल कर सामने आ गया।

2 आरोपी सहित 5 को भेजा गया न्यायिक रिमांड पर जेल

न्यायालय ने थाना में शिकायत दर्ज करवाई और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की बात कही। पुलिस दोनों आरोपी सहित 3 अभ्यार्थियों को जेल भेजा है। कोर्ट में 25 अगस्त को सहायक ग्रेड 3 व स्टेनो पद के लिए परीक्षा हुई थी। परीक्षा की मेरिट सूची 14 सितंबर को जारी की गई। इससे पूर्व न्यायालय के बाबू और चौकीदार ने बड़ी चालाकी से मुख्य उत्तर पुस्तिका को बदल कर नई उत्तर पुस्तिका स्ट्रांग रूम में रख दी। इस खेल को अंजाम देने के लिए आरोपी पूनम चंद्र यादव और गणेश मरकाम ने देर शाम का समय निर्धारित किया। इस दौरान आरोपियों ने सबसे पहले सीसीटीवी बंद कर स्ट्रांग रूम से वास्तविक उत्तर पुस्तिका को निकाल कर नई उत्तर पुस्तिका अभ्यार्थियों को दी। इन उत्तर पुस्तिकाओं में पूरा हल करवा कर फिर से स्ट्रांग रूम में रख दिया गया। इसके बाद परीक्षा परिणामों की घोषणा हो गई। चयनित अभ्यर्थियों का चयन न हो इसलिए फर्जी अभ्यर्थी इस सूची में शामिल किए गए।

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बीएनएस की धाराओं में मामला पंजीबद्ध

स्थानीय स्तर पर आयोजित बाबू की परीक्षा जिसमें स्टेनो का एक पद और सहायक ग्रेड के 4 पदों के लिए कोर्ट के बाबू और चौकीदार ने फर्जी तरीके से उत्तर पुस्तिकाओं के अदला-बदली का खेल खेला। इन पदों के लिए पैसों के लेन-देन कर फर्जीवाड़ा में आरोपियों के विरूद्ध बीएनएस की धारा 61, 318, 334, 336, 338, 340 के तहत मामला पंजीबद्ध कर जेल भेजा गया है।

फर्जी हस्ताक्षर देख चयन समिति के उड़े होश

थाना प्रभारी विजय पटेल ने बताया कि उत्तर पुस्तिका में पर्यवेक्षक के हस्ताक्षर से फर्जीवाड़े का खुलासा किया। फर्जी हस्ताक्षर देख चयन समिति के होश उड़ गए। इसके बाद समिति ने पूरी छानबीन शुरू की तब वास्तविकता सामने आई कि न्यायालय के बाबू और चौकीदार ने मिलीभगत कर पूरे खेल को अंजाम दिया। पूरे खेल को अंजाम दिया। कोर्ट ने पहले विभागीय जांच करवाई फिर थाने में शिकायत दर्ज करवाई। इस मामले में 5 आरोपियों को पकड़ा गया है। इनसे एक लाख 28 हजार रुपए बरामद किए गए। पूछताछ में आरोपियों ने 5 पदों के लिए प्रत्येक से 5-5 लाख रुपए में सौदा तय होने की बात कही। इनमें से एक अभ्यर्थी ने डेढ़ लाख रूपए एडवांस दिए थे।