यशवंत गंजीर- कुरुद। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा  जिले के सातधारा वॉटरफॉल में गिरे 13 साल के नाबालिग छात्र यश कुमार की लाश 48 घंटे बाद एक किलोमीटर दूर चट्टान में फंसी मिली। जिसे निकाल बारसूर पुलिस शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया है।

आपको बता दें कि, यश कुमार साहू उम्र 13 वर्ष निवासी धमतरी मैत्री विहार कॉलोनी में किराए के मकान में अपनी मां के साथ रहा करता था। जो कि, अपनी बुआ के लड़के धर्मराज के साथियों के साथ बुधवार 25 दिसंबर की रात घूमने के लिए जगदलपुर के नाम से निकला था। 26 दिसम्बर को वह अपने साथियों के साथ बारसूर वाटरफॉल पहुंचा था। इस दौरान यश ब्रश करने के बाद मुंह धोने जैसे ही नीचे झुका अनबैलेंस होकर नीचे गिर गया। यश के डूबते ही उसके साथी पास ही स्थित सीआरसीएफ के कैंप पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी दी। उसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, गोताखोरों को भी बुलाया गया, तलाश शुरू की गई। 

मृतक छात्र 

एक किलोमीटर दूर चट्टान में फंसी मिली लाश 

पुलिस, सीआरपीएफ और एसडीआरएफ के साथ यश को ढूढने गये परिजनों के द्वारा रेस्क्यू की गई। जिसे 48 घंटे बाद करीब 1 किलोमीटर दूर सडार के पास स्थानीय ग्रामीणों ने चट्टान के बीच पानी में शव को फंसा देखा गया। तुरंत पुलिस पहुंची व एसडीआरएफ की टीम पहुंच शव को किनारे लाये। शव पंचनामा के बाद पीएम के लिए गीदम अस्पताल भेजा गया। मिली जानकारी अनुसार विधायक अजय चंद्राकर भी बालक को जल्द ढूंढ निकालने में दंतेवाड़ा प्रशासन से लगातार अपडेट ले रहे थे।

अस्पताल में स्वीपर नहीं होने से पीएम में हुई देरी

यश के पिता नोहर साहू, बड़े पिता हेमंत साहू, चाचा यशवंत गंजीर ने बताया कि पोस्टमार्टम के लिए बारसूर अस्पताल में स्वीपर नही होने की वजह से पोस्टमार्टम के लिए गीदम सामुदायिक अस्पताल भेजा गया। वहां भी स्वीपर नही होने पर दंतेवाड़ा से स्वीपर बुलाया गया।करीब डेढ़ बजे स्वीपर पहुंचा तब कहीं जाकर शव का पोस्टमार्टम हो पाया। यश का शव ले परिजन देर शाम धमतरी पहुंचे है। अंतिम संस्कार उसके गृहग्राम जोरातराई में किया जायेगा। इधर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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तहसीलदार ने की परिजनों की मदद

परिजनों ने बताया कि जैसे ही 26 दिसम्बर को करीब नौ बजे उनके भांचा धर्मराज द्वारा यश के नदी में बह जाने की सूचना मिली। वे लोग बिना कोई तैयारी के जिस हालात में थे वैसे ही लोवर-टीशर्ट में बारसूर के लिए निकल गये थे। वहां पहुंचने के बाद परिस्थिति कुछ और ही निर्मित हो गई। दिनभर खोजबीन के बाद भी यश का कोई सुराग नही मिल पाया। तब वहां पदस्थ तहसीलदार संतोष ध्रुव जोकि धमतरी जिले के ग्राम टिपानी का रहने वाला है ने उनकी ठहरने व खाने के लिए दो दिन तक पूरा बंदोबस्त किया। मानवीय संवेदना के चलते वे जब तक लाश को गीदम से पीएम कराकर विदा नही कर गए तब तक अपने घर नही पहुंच पाये थे। वहीं गांव से सरपंच प्रतिनिधि चोवाराम गंजीर व रोजगार सहायक बलराम सिन्हा भी मदद के लिए अपने स्तर पर प्रयासरत रहे।