रायपुर। एकमात्र सरकारी दंत चिकित्सालय में आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उनके इलाज के लिए चिकित्सक अभी भी पुरानी एक्सरे मशीन से दांतों की जांच कर रहे हैं। इसकी खरीदी छह माह बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। सीजीएमएससी को इस मशीन की खरीदी की जिम्मेदारी दी गई है जिसकी प्रक्रिया अब तक अधूरी है।
सूत्रों के अनुसार, राज्य में शासकीय स्तर पर एकमात्र दंत चिकित्सालय है, जहां रोजाना चार से पांच सौ मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। दांतों मसूड़ों से संबंधित समस्या के निराकरण के लिए पहले उसकी जांच की आवश्यकता होती है जिसकी प्रक्रिया पुराने एक्सरे मशीन के माध्यम से पूरी की जा रही है। इस प्रक्रिया में काफी समय लगता है, जिसकी वजह से एक निर्धारित अवधि में सीमित संख्या में मरीजों का इलाज हो पाता है।
सीजीएमएसी लंबे समय से पूरी कर रहा खरीदी की प्रक्रिया
कॉलेज प्रबंधन द्वारा आवश्यकता को देखते हुए बीमारी की सटीक जांच के लिए सीबीसीटी मशीन का प्रस्ताव दिया था जिसे शासन स्तर अनुमति मिल चुकी है। इसके बाद सीजीएमएससी के माध्यम से लगभग एक करोड़ में आने वाली इस मशीन की खरीदी की जानी है। कॉलेज प्रबंधन द्वारा इस संबंध में सारी औपचारिकता पूरी कर दवा कार्पोरेशन को दस्तावेज भेज चुकी है मगर उनकी ओर से खरीदी की प्रक्रिया पूरी कर अब तक मशीन की सप्लाई नहीं की गई है। चिकित्सकों के अनुसार इस मशीन के माध्यम से जबड़े और दांतों की थ्रीडी स्कैनिंग कर बीमारी का सटीक तरीके से पता लगाया जा सकता है और इलाज में आसानी होती है।
मिलने का इंतजार
शासकीय दंत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.विरेन्द्र वाढेर ने बताया कि, कॉलेज प्रबंधन अपनी ओर से सारी प्रक्रिया पूरी कर चुका है। मशीन की खरीदी सीजीएमएससी के माध्यम से की जानी है।