आकाश पवार-रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष किरण देव के साथ डिप्टी सीएम अरुण साव, स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, विधायक धरमलाल कौशिक शुक्रवार को पेंड्रा पहुंचे। यहां सभी नेता स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में 'न्योता भोज' कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने स्कूली बच्चों के साथ भोजन किया और उन्हें भोजन भी परोसा। बड़े नेताओं को अपने बीच पाकर बच्चे काफी उत्साहित हुए। 

'प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना' में समुदाय की भागीदारी जोड़ते हुए न्योता भोजन की अनूठी पहल की गई है। आज सीएम विष्णुदेव साय ने अपने गृह ग्राम बगिया में आश्रम शाला के बच्चों को अपने जन्मदिवस पर न्योता भोजन कराते हुए इस योजना की शुरूआत की है। छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों को अब नियमित रूप से मिल रहे भोजन के अलावा समाज के अग्रणी और सक्षम लोगों के जरिए न्योता भोजन में पौष्टिक और रूचिकर खाद्य सामग्री मिलेगी। ‘न्योता भोजन’ तीन प्रकार के हो सकते हैं। पूर्ण भोजन (शाला की सभी कक्षाओं के लिए), आंशिक पूर्ण भोजन (शाला के किसी कक्षा विशेष के लिए), अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री।

बच्चों में समानता की भावना का विकास मुख्य उद्देश्य 

न्योता भोजन का उद्देश्य समुदाय के बीच अपनेपन की भावना का विकास, भोजन के पोषक मूल्य में वृद्धि तथा सभी समुदाय वर्ग के बच्चों में समानता की भावना विकसित करना है। इस योजना में समाज के अग्रणी और सक्षम लोगों के अलावा कोई भी सामाजिक संगठन, स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं अथवा अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं। यह स्कूल में दिए जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं होगा, बल्कि यह विद्यार्थियों को दिए जा रहे भोजन का पूरक होगा। न्योता भोजन समुदाय के सक्षम लोग भी विवाह के वर्षगांठ, जन्मदिन, राष्ट्रीय पर्व आदि विशेष अवसरों पर भी स्कूली बच्चों को पौष्टिक भोज्य पदार्थ उपलब्ध करा सकेंगे। यह पूर्ण रूप से ऐच्छिक होगा। दानदाता स्कूली बच्चों को मौसमी फल, दूध, मिठाई, बिस्किट, हलवा, अंकुरित खाद्य पदार्थ आदि वितरित कर सकते हैं। न्यौता भोजन के लिए बच्चों की रूचि के अनुरूप दानदाता खाद्य पदार्थ का चयन कर सकते हैं।

बच्चों को दिया जायेगा पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन

‘न्योता भोजन’ में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना से लाभांवित हो रहे बच्चों को अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदाय किया जा सकेगा। इस योजना के संचालन के लिए शाला विकास समिति को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह समिति समुदाय में ऐसे दान दाताओं की पहचान करेगी, जो रोटेशन में माह में कम से कम एक दिन शाला में ‘न्योता भोजन’ करा सके। दान दाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें शाला की प्रार्थना सभा अथवा वार्षिक दिवस में सम्मानित भी किया जाएगा।