रायपुर। राज्य में पुलिस हेल्पलाइन डॉयल 112 सेवा चिकित्सा हेल्थकेयर (जेडएचएल) लिमिटेड संभालेगी। इस संबंध में कंपनी के सीईओ नरेश जैन ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि, सेवा शुरू करने के पहले सिस्टम विकसित किया जा रहा है। इसमें पांच से छह महीने का समय लग सकता है। इसके बाद उनकी कंपनी यहां डॉयल 112 की सेवा शुरू करेगी। वर्तमान में पुरानी कंपनी एक्सटेंशन में डॉयल 112 सेवा संचालित कर रही है।

कंपनी के सीईओ नरेश जैन के मुताबिक, उनकी कंपनी वर्तमान में ओडिशा तथा उत्तरप्रदेश में एंबुलेंस सेवा प्रदान कर रही है। साथ ही कंपनी ने मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित कई अन्य राज्यों में पूर्व में एंबुलेंस सेवा देने का दावा किया है। उनकी कंपनी को मैनेजमेंट टेंडर में टेक्नॉलाजी, क्वालिटी और कीमत के लिए सबसे ज्यादा पॉइंट्स मिले हैं। जेडएचएल ने मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित कई अन्य राज्यों में पूर्व में एंबुलेंस सेवा देने का दावा किया है। उनकी कंपनी को मैनेजमेंट टेंडर में टेक्नॉलाजी, क्वालिटी और कीमत के लिए सबसे ज्यादा पॉइंट्स मिले हैं। जेडएचएल राज्य में पिछले ढाई वर्षों से राज्य में हेल्थकेयर हेल्पलाइन (104) संचालित कर रहा है। उनकी कंपनी को इमर्जेंसी सर्विसेस के लिए कॉल सेंटर और कंट्रोल रूम के प्रबंधन में दो दशकों से अधिक का अनुभव है।

इसे भी पढ़ें...बलौदाबाजार कांड : देवेंद्र यादव की जमानत याचिका दूसरी बार खारिज, अब हाईकोर्ट का रूख करेंगे 

रिस्पांस टाइम 12 से 16 मिनट

कंपनी के सीईओ के मुताबिक, उनकी कंपनी डॉयल 112 में चार सौ वाहनों को शामिल करेगी। कॉल आने पर पहुंचने का रिस्पांस टाइम अधिकतम 12 से 16 मिनट रहेगा। साथ ही कॉल सेंटर को पहले से ज्यादा एडवांस बनाए जाने का दावा कंपनी के सीईओ ने किया है।

झारखंड से फेक सर्टिफिकेट लेने का दावा

इधर, यह भी आरोप है कि टेंडर लेने के लिए जेडएचएल कंपनी ने झारखंड में सेवा देने का अनुभव प्रमाणपत्र जमा किया है। आरटीआई से निकाली गई जानकारी के मुताबिक, झारखंड सरकार ने कंपनी को किसी भी प्रकार से कोई प्रमाणपत्र जारी नहीं किया है। इसे लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कंपनी के सीईओ नरेश जैन ने दावा किया है कि उनकी कंपनी ने झारखंड में छह साल सेवा प्रदान की है।