जितेंद्र सोनी/जशपुर- पत्थलगांव क्षेत्र के ग्राम पंचायत पंडरीपानी में सैकड़ों परिवार खेत के कच्चे कुंऐ का मटमैला पानी पीने के लिए मजबूर है। यहां पीने का स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा है। इसलिए घरों में छोटे बच्चों में जल जनित रोगों का तेजी से फैलाव होने की आशंका बनी हुई है। दर्जन भर से अधिक ग्राम पंचायतों में बिगड़े हेंड पम्प का सुधार नहीं हो पाने के चलते ग्रामीणों को बारिश का मौसम में भी पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है। कच्चे कुओं मे स्वच्छ पानी का अभाव के बाद भी लोगों को जल जलित बिमारियों से जूझना पड़ रहा है।
बता दें, जशपुर जिले के अंदरुनी इलाके के कई गांव ऐसे हैं, जहां के ग्रामीण न केवल मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं, बल्कि शुद्ध पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। यहां करीब सैंकड़ों परिवार परेशान है। यहां के ग्रामीण बीते 30 साल से खेत में बने कुएं का गंदा पानी पीने को मजबूर है। इससे न केवल बीमार होने की आशंका बनी रहती है। बल्कि लोगों को पीने के पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इसके बावजूद अभी तक प्रशासन इन गांवों में कोई व्यवस्था नहीं बना सकी है।
बोर या बोरिंग सक्सेस नहीं
गांव में पहाड़ी इलाका होने के चलते बोर या बोरिंग भी सक्सेस नहीं हो पाते है। बोरिंग नहीं होने के कारण पीने के पानी के लिए खेत में बने कुंए में ही आश्रित रहना पड़ता है। इसी से सभी लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं। साथ ही कुएं के गंदे पानी का उपयोग खाना बनाने में भी करते हैं। बरसात के दिनों में खेत में पानी भर जाने से कुआ डूब जाता है। फिर भी लोग उसी पानी को पीने पीते हैं। या फिर पानी को बर्तन में उबाल कर पीते हैं। इसलिए उसमें मौजूद जीव मर जाते हैं। अगर ऐसा न करे तो बीमारी होने का खतरा ज्यादा रहता है।
वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बनाई गई
इसी पानी को दिन भर पीने के लिए रखते हैं। गांव में लगे बोरिंग ड्राई होने से पानी हीं नही निकलता है। इसमें बिना हैंडपंप लगाएं ही छोड़ दिया गया है। ग्रामीणों ने सरपंच सचिव से लेकर कलेक्टर तक फरियाद लगाई। बावजूद अभी तक वैकल्पिक व्यवस्था तक नहीं बनाई जा सकी है। इससे बारिश का मौसम में भी पेयजल की समस्या यथावत बनी हुई है। कइ गावों मे खेतों में स्थित ढ़ोढ़ी का पानी पीने की विवशता होने से लोगों को बिमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
SDM आकांक्षा त्रिपाठी ने क्या बताया
पत्थलगांव SDM आकांक्षा त्रिपाठी ने बताया कि पंडरीपानी सहित 6 गावों मे स्वच्छ पेयजल के अभाव की शिकायत मिली है। यहां जल जनित रोगों से बचाने के लिए संबंधित अधिकारियों की टीम को निर्देश दिया गया है। प्रभावित गांवों में तत्काल इस समस्या का निराकरण कराया जा रहा है। जागरूकता अभियान के बाद भी लोगों की समस्या बनी हुई है।