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दो दिन पहले 6 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ अनाचार कर उसकी हत्या करने के मामले में रोज नई कहानी सामने आ रही है।

भिलाई।  दो दिन पहले 6 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ अनाचार कर उसकी हत्या करने के मामले में रोज नई कहानी सामने आ रही है। पुलिस ने बच्ची के चाचा को आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया और रिमांड पर जेल भेज दिया है। मासूम की मां ने इस घटना के बाद कहा है कि उनका देवर ऐसी हरकत नहीं कर सकता है। पुलिस उसे जबरन फंसा रही है। मां मुताबिक मासूम का सारा लालन पालन उसके चाचा ने किया, वह ऐसी हरकत के बारे में सोच ही नहीं सकता। मां का आरोप है कि जिसकी कार में बेटी का शव मिला है, उसी ने घटना को अंजाम दिया है, पुलिस को उसे पकड़ना चाहिए। चाचा मासूम के साथ घटना नहीं कर सकता है। परिजनों का पूरा संदेह कार मालिक पर है। 

कार से बच्ची का शव मिलने के बाद से ही संदेह और बढ़ गया। परिजनों ने पुलिस पर उसे बचाने का आरोप भी लगाया है। इस दौरान एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने स्पष्ट किया कि पुलिस के पास आरोपी के सारे साक्ष्य है। उसी आधार पर ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है। कार दो दिन से घटनास्थल पर खड़ी थी। कार मालिक के पिछले दिनों का ट्रैक रिकार्ड है। उसका साला बादल है, जो कहां था, इसकी भी जानकारी ली जानी चाहिए। किसी को खुश करने को नहीं बच्ची के न्याय के लिए काम करना चाहिए। गौरतलब है कि,  ओम नगर उरला में मासूम बच्ची के साथ अनाचार कर गला दबाकर हत्या का मामला सामने आया था। इस घटना से बाद से पूरे प्रदेश यादव समाज और कांग्रेस आंदोलन कर रही है। आरोपी को फांसी दो की मांग उठ रही है।

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नारको टेस्ट से हो सकता है खुलासा 

विवाद के हालात को देखते हुए पुलिस आरोपी का नारको टेस्ट करवा सकती है। इससे सच सामने आ जाएगा। आरोपी और मृतक एक ही परिवार के हैं, यानी पीड़ित और प्रताड़ित पक्ष एक है और उन्होंने इस पर संदेह खड़ा किया है, इसलिए नारको टेस्ट को जरूरी माना जा रहा है।

बच्ची को न्याय दिलाने सुप्रीम कोर्ट के वकील करेंगे पैरवी 

मासूम के साथ हुए वारदात और हत्या के मामले में कठोर सजा दिलाने के लिए वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन दिल्ली पहुंची। विधायक रिकेश सेन की अपील के बाद दुर्ग जिला बार एसोसिएशन ने आरोपी की ओर से मुकदमें की पैरवी करने से इंकार कर दिया है। दुर्ग जिला की ये घटना मानवता को शर्मसार किया है। आरोपी को कड़ी सजा की मांग को लेकर लोग लामबंद है। दिल्ली से लौटे विधायक सेन ने बताया कि बच्ची को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पांच वकील का पैनल तैयार किया। साथ ही अधिवक्ता राजकुमार तिवारी आरोपी को सजा दिलाने निःशुल्क सेवा देंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट के वकीलों का फीस जनसहयोग से होगा।
 

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