यशवंत गंजीर- कुरुद। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के जबर्रा की पहाड़ियों को ईको टूरिज्म के रूप में विकसित किया गया है। जिसके कारण यह देश-विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। प्रशासन ने यहां के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए 20 सदस्यों के समूह का गठन किया है। जिसका नाम जबर्रा हिलर्स है। ये जबर्रा हिलर्स यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को सैर कराते हैं। जिसके चलते युवाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
ईको फ्रेंडली टूरिज्म का सीधा अर्थ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना पर्यटन का विकास करना है। इसके लिए प्रशासन ने ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ दिया है। जबर्रा हिल्स की खास बात है कि, प्रकृति का सान्निध्य लेने ना केवल देश के बल्कि विदेशों से भी पर्यटक यहां पहुंचते हैं। यहां दिल्ली, पुणे, बेंगलुरू, नागपुर, रायपुर, राजस्थान सहित विदेशी नीदरलैंड, ऑष्ट्रेलिया, अमेरिका, पोलैंड, जापान, लंदन और श्रीलंका से पर्यटक आते हैं।
जबर्रा हिलर्स पर्यटकों को कराते हैं सैर
जबर्रा हिल्स में पर्यटकों की सुविधा के लिए 20 सदस्यों का समूह बना है, जिन्हें प्रशिक्षण दिया गया। इन युवाओं को जबर्रा हिलर्स नाम से जाना जाता है। जबर्रा हिलर्स के युवा यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को ना केवल ठहरने, खाने और गाईड की व्यवस्था करता है, बल्कि पर्यटकों का जोर-शोर से स्वागत करते हैं। इसके साथ ही पर्यटकों को जबर्रा के पर्वत, नदी की सैर कराने के साथ ही वनौषधि की जानकारी देते हैं। इससे इन युवाओं के आय का जरिया तो बना ही है, बल्कि पर्यटकों को सुविधा भी मिल रही है।
ईको टूरिज्म के तौर पर किया गया विकसित
शांत घने जंगल के बीच पहाड़ में ट्रेकिंग का मजा, कलकल बहती नदी के किनारे सैर, फुर्सत के पल बिताने रेस्ट हाउस, वन औषधियों से उपचार का तरीका बताने वैद्य, पर्वतों की सैरगाह का आनंद देने गाइड, आदिवासी संस्कृति की झलक दिखाने लोगों का समूह और आदिवासी व्यंजनों की मिठास, यह सब कुछ शहर के कोलाहल से दूर धमतरी जिले के वनांचल नगरी विकासखण्ड के जबर्रा में है।
जबर्रा में कई प्रकार वनौषधि मौजूद
जबर्रा जिला मुख्यालय धमतरी से ग्राम जबर्रा 55 किमी की दूरी पर स्थित है। इसे प्रशासन के द्वारा ईको टूरिज्म के तौर पर विकसित किया गया है। जबर्रा में 300 से अधिक प्रकार की वनौषधि मिलती है। जबर्रा का रोमांच दुगली से जबर्रा का 13 किलोमीटर का रास्ता पकड़ने के साथ ही शुरू हो जाता है। घने जंगलों के बीच बसा जबर्रा जंगल 5 हजार 352 हेक्टेयर में फैला हुआ है, जहां 300 से अधिक प्रकार की वनौषधि है।