रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट चल रहा है। शुक्रवार 9 फरवरी को वित्तमंत्री ओपी चौधरी बजट पेश करेंगे। बजट की पूर्व संध्या पर गुरुवार को ओपी चौधरी ने प्रदेश का 'आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 2023-24' प्रस्तुत किया। सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य का सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान (GSDP) वर्ष 2022-23 का त्वरित एवं वर्ष 2023-24 का अग्रिम अनुमान का विवरण तालिका 1 एवं 2 में दिया गया है। साथ ही अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं, समाजार्थिक स्थिति उसे प्रभावित करने वाले आधारभूत घटकों एवं राज्य शासन की योजनाओं के संदर्भ में प्रगति की विवेचनात्मक अध्ययन भी है। https://images.haribhoomi.com/uploadimage/library/free_files/pdf/press-_2024_02_08_052750.pdf
सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) वर्ष 2023-24 में प्रगति की सम्भावनाएं
स्थिर भावों पर (आधार वर्ष 2011-12): अग्रिम अनुमान वर्ष 2023-24 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद बाजार मूल्य (GSDP at Market Prices) पर गत वर्ष 2022-23 की तुलना में 6.56 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है। जिसमें कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र (कृषि, पशुपालन, मत्स्य एवं वन) में 3.23 प्रतिशत वृद्धि, उद्योग क्षेत्र (निर्माण, विनिर्माण, खनन एवं उत्खनन, विद्युत, गैस तथा जल आपूर्ति सम्मिलित) 7.13 प्रतिशत वृद्धि एवं सेवा क्षेत्र में 5.02 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है।
प्रचलित भावों पर: अग्रिम अनुमान वर्ष 2023-24 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (बाजार मूल्य) (GSDP at Market Prices) पर गत वर्ष 2022-23 के रुपये 4,64,399 करोड़ से बढ़कर रुपये 5,05,887 करोड़ होना संभावित है, जो कि 8.93 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। जिसमें वर्ष 2022-23 में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र रुपये 89,530 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2023-24 में रुपये 97,628 करोड़, इसी प्रकार उद्योग क्षेत्र में रुपये 1,96,817 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2023-24 में रुपये 2,12,903 करोड एवं सेवा क्षेत्र में रुपये 1,53,066 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2023-24 में रुपये 1,65,891 करोड होना संभावित है, जो कि गत वर्ष की तुलना में प्रतिशत वृद्धि क्रमशः 9.05, 8.17 एवं 8.38 प्रतिशत आंकलित है।
2. वर्ष 2022-23 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के त्वरित अनुमान स्थिर भावों (आधार वर्ष 2011-12) पर : राज्य के सकल घरेलू उत्पाद बाजार मूल्य (GSDP at MarketPrices) त्वरित अनुमान के अनुसार गत वर्ष 2021-22 की तुलना में वर्ष 2022-23 में 7.67 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जिसमें कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र (कृषि, पशुपालन, मत्स्य एवं वन) में 4.87 प्रतिशत, उद्योग क्षेत्र (निर्माण, विनिर्माण, खनन एवं उत्खनन, विद्युत, गैस तथा जल आपूर्ति सम्मिलित) में 7.67 प्रतिशत एवं सेवा क्षेत्र में 8.28 प्रतिशत वृद्धि हुई है।