दवा घोटाला : जिस ईडीटीए ट्यूब को दवा निगम ने 2352 में खरीदा, वो हरिभूमि को 1 रुपए 70 पैसे में मिला

विकास शर्मा- रायपुर। रीएजेंट सहित अन्य उपकरणों की खरीदी के नाम पर महाघोटाला करने वाले सीजीएमएससी के अफसरों और दवा सप्लायर के खिलाफ एफआईआर और छानबीन शुरू हो गई है। एफआईआर में ईओब्ल्यू ने दवा निगम के महाघोटाले की दास्तां दर्ज की है। उसमें ईडीटीए ट्यूब की खरीदी का जिक्र है। दवा निगम के अफसरों ने प्रतिनग ट्यूब की खरीदी के लिए 2 हजार 352 रुपए दर तय किया था। हरिभूमि ने आज बाजार जाकर उसकी कीमत जानी। मेडिकल उपकरण विक्रेता ने हरिभूमि को 1 रुपए 70 पैसे में देने के लिए तैयार हुआ। वहीं ऑनलाइन भी 1 से 3 रुपए में ढेरों ट्यूब उपलब्ध हैं। इससे पता चलता है कि अफसरों और दवा सप्लायरों ने सामूहिक लूट के लिए गठजोड़ कर इस महाघोटाले को अंजाम दिया।
हरिभूमि की टीम ने इसकी उपलब्धता और कीमत जानने दवा बाजार को खंगाला तो ट्यूब की वास्तविक कीमत सौ गुना से ज्यादा निकली। मेडिकल कांप्लेक्स के सर्जिकल स्टोर में इस तरह के सौ नग ट्यूब की कीमत 200 रुपए थी जिसे मोलभाव करने पर 170 रुपए यानी प्रतिनग 1.70 रुपए के हिसाब से सप्लाई करने के लिए दवा कारोबारी तैयार हो गया। दवा कारोबारी ने बताया कि अलग-अलग रंग और कंपनियों के हिसाब से ईडीटीए ट्यूब का बाजार में ढेर है और इसकी कीमत ज्यादा से ज्यादा 7 या 8 रुपए है। टीम हरिभूमि ने जब ई-फार्मेसी में इसकी कीमत जानने सर्च किया तो चौंकाने वाले रिजल्ट सामने आए सबसे कम कीमत 1.43 पैसे में 2 एमएल की एडीटीए के 3 नॉन वैक्यूम ब्लड क्लेशन ट्यूब का था। ऑनलाइन बाजार में भी करीब आधा दर्जन कंपनियां के प्रोडक्ट ऑनलाइन आर्डर के लिए तैयार थे। ईओडब्लू के अफसर द्वारा कराई गई एफआईआर में इस ट्यूब की अधिकतम कीमत 8.50 रुपए प्रति नग बताया गया था। मगर मोक्षित कार्पोरेशन के प्रति तात्कालीन अफसर इतने मोहित हो चुके थे कि इन कम कीमतों के ट्यूब को नजर अंदाज कर 2352 रुपए प्रतिनग के हिसाब से करोड़ों की खरीदी कर डाली।

5 लाख की सीबीसी मशीन 17 लाख में
इतना ही नहीं रक्त संबंधी विभिन्न तरह की जांच करने के लिए उपयोग की जाने वाली सप्लायर एजेंसी मोक्षित कार्पोरेशन की सीबीसी मशीन की कीमत दवा कार्पोरेशन के अफसरों ने 17 लाख रुपए आंका था। उस तरह की विभिन्न कंपनियों की जांच मशीन अधिकतम पांच लाख रुपए में आसानी से मिल जाता है। अफसरों ने इस घोटाले के दौरान इस बात का पूरा ध्यान रखा था कि सप्लायर एजेंसी को बड़ा नुकसान ना हो इसलिए बिना डिमांड के ही करोड़ों रुपए के रीएजेंट उन स्वास्थ्य केंद्रों को भेज दिया जहां उसकी जरूरत ही नहीं थी।
क्या है ईडीटीए ट्यूब
अब जरा जान लीजिए कि एथिलीनडायमीनेटेट्राएसेटिक एसिड (ईडीटीए) ट्यूब है क्या है। यह एक प्रकार की रक्त संग्रह ट्यूब है जिसका उपयोग चिकित्सा प्रयोगशालाओं में कुछ प्रकार के रक्त परीक्षणों के लिए किया जाता है। यह ट्यूब कांच या पीईटी से बनी होती है। इस प्रकार की ट्यूब का उपयोग आम तौर पर उन परीक्षणों के लिए किया जाता है जिनमें पूरे रक्त या प्लाज्मा की आवश्यकता होती है, विशेष रूप से वे जिनमें हेमटोलॉजिकल विश्लेषण शामिल होता है, जैसे कि पूर्ण रक्त गणना सीबीसी, रक्त टाइपिंग और रक्त कोशिका आकृति विज्ञान परीक्षणों में किया जाता है।
इसे भी पढ़ें...मेडिकल इक्यूपमेंट घोटाला : EOW- ACB ने रायपुर-दुर्ग में दवा सप्लायरों के यहां मारे छापे
एमडी ने कर दिया नियम बदलने से इंकार
जब इस अंधाधुंध खरीदी को अंजाम दिया जा रहा था तो एक सप्लायर कंपनी मेरिल डायग्नोस्टिक एवं ट्रान्सिया बायोमेडिकल द्वारा निविदा के स्पेसिफिकेशन में बदलाव करने की सलाह दी थी। उनका तर्क था कि स्पेसिफिकेशन कुछ परिवर्तित किये जाये तो इस निविदा प्रक्रिया में अधिक कंपनियां भाग ले सकेंगी। इससे बेहतर क्वालिटी के मेडिकल एक्युपमेंट प्राप्त हो सकते है तथा इससे निविदा की प्रतिस्पर्धा बढ़ने से शासन को कम दर पर मेडिकल एक्युपमेंट प्राप्त हो सकते है। स्वास्थ्य संचालनालय के डिप्टी डायरेक्टर द्वारा एमडी सीजीएमएससी को इस मामले में सूचित किया गया था मगर उन्होंने मोक्षित कंपनी को लाभ पहुंचाने टेंडर प्रक्रिया में बदलाव से इंकार कर दिया।
अफसर भी आएंगे चपेटे में
जांच में केवल दवा सप्लायर, मोक्षित कारपोरेशन से जुड़े अफसर ही नहीं आ रहे हैं। इस महाघोटाले में दो आईएएस समेत स्वास्थ्य संचालनायल से जुड़े अफसर भी चपेटे में आएंगे। सूत्रों के अनुसार दर्जनभर अफसरों को जल्द पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा। उन्हें नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है।
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS