भिलाई। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार आरटीई में फर्जीवाड़ा करने वालों को छूट मिल गई है। कलेक्टर के बदलने के बाद फर्जीवाड़ा मामले की जांच बंद कर दी गई है। गरीब बच्चों की सीटें हथियाने वाले रसूखदार लोग फिर से हावी होने लगे हैं। जिसकी वजह से विभागीय अधिकारी भी अब यूटर्न की स्थिति में पहुंच गए हैं। हैरत की बात यह है कि भिलाई दुर्ग में आरटीई पोर्टज हैक कर निजी स्कूलों में दाखिला लेने वालों पर कार्रवाई नहीं कर उन्हें फिर से लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। जबकि संयुक्त संचालक शिक्षा की जांच रिपोर्ट के बाद ऐसे 24 बच्चों का दाखिला निरस्त किया गया है।
दुर्बल वर्ग सर्टिफिकेट होना है अनिवार्य
1. निःशुल्क व अनिवार्य बाल शक्षिा के अधिकार अंतर्गत छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा द्वारा आदेश क्रमांक एफ 13-47/2010/20-3 दिनांक 3/2/2020 के माध्यम से अंत्योदय परिवार के बालकों के निजी वद्यिालय के प्रवेश के लिए ये आदेश जारी किए हैं। जिसमें कहा गया है कि किसी वद्यिालयों में प्रवेश हेतु दुर्बल वर्ग के परिवार का प्रमाण पत्र होना चाहिए तभी उस बच्चे को अंत्योदय राशनकार्ड के आधार पर प्रवेश दिया जाना है।
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140 डुप्लीकेट आवेदनों की जांच बंद
कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अलग-अलग नोडलों में 140 डुप्लीकेट आवेदन मिले। कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने जिला स्तरीय छानबीन व जांच समिति गठित करवाई। इस समिति ने वर्ष 2024-25 में लाटरी के बाद 140 डुप्लीकेट आवेदनों के संबंध में बच्चों के अभिभावकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजने कहा लेकिन समिति के जिम्मेदार अधिकारी जांच का हवाला देते हुए मामले को टालते रहे। कलेक्टर बदलने के बाद इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल दी गई है।
फर्जी रेंट एग्रीमेंट से दाखिला
भिलाई दुर्ग के नामी स्कूलों में आरटीई से प्रवेश लेने के लिए रसूखदारों ने एक और कारनामा किया है। फर्जी किरायानामा प्रस्तुत कर गरीब बच्चों की सीटों पर प्रवेश लिया। इसका खुलासा होने के बाद जांच प्रारंभ करवाई गई। इस मामले में भी आगे की कार्रवाई नहीं बढ़ पाई। हाल यह था कि एक बच्चे ने 9 और 11 आवेदन अलग-अलग नोडल में अलग-अलग पते देकर प्रवेश पा लिया। खबर के बाद जांच लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर ने करवाई और राज्य के निर्देश पर तत्कालीन कलेक्टर दुर्ग ने जिला शिक्षा विभाग को फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्रवेश लेने वाले दो बच्चों पर एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए।
आरटीई पोर्टल हैकिंग कर दाखिला
आरटीई पोर्टल हैकिंग दो नोडलों में किया गया। जांच रिपोर्ट के मुताबिक डीपीएस रिसाली और डीएवी पब्लिक स्कूल नोडल के अंतर्गत 24 बच्चों का प्रवेश पोर्टल हैकिंग कर हुआ। 24 जून 2024 को संयुक्त संचालक शिक्षा दुर्ग संभाग आरएल ठाकुर ने इस मामले की जांच करवाई। जांच के आधार पर दोनों नोडलों की लापरवाही सामने आई। फलस्वरूप इन 24 बच्चों का प्रवेश तत्कालीन कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के आदेश पर दाखिला निरस्त किया गया।