नारायणपुर। जिले के छोटेडोंगर के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में हॉस्टल का शौचालय बेडरूम में तब्दील हो गया है। तंग कमरे में रहने वाले आदिवासी बच्चे शौचालय की सीट को ढककर वहां बिस्तर लगाकर अपने सपने को पूरा करने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। वही बालिकाओं की नहाने की जगह के पास हॉस्टल के प्राचार्य द्वारा सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर के द्वारा थाना प्रभारी को पत्र लिखकर एफआईआर की मांग की गई है।  सर्व आदिवासी समाज के द्वारा बच्चों को तत्काल सुविधा उपलब्ध कराने और सीसीटीवी कैमरा हटाने की मांग करते हुए इस पर तत्काल प्रशासन को संज्ञान लेने का अल्टीमेटम दिया गया है।

सर्व आदिवासी समाज ने कहा है कि,  जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो समाज उग्र आंदोलन करने के लिए समाज बाध्य होगा। जानकारी सामने आने पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शाखा के नेतृत्व में टीम गठित कर मामले की पड़ताल के लिए छोटेडोंगर रवाना किया है। सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके परन्तु जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में अव्यवस्था का आलम है। विद्यालय की शौचालय की हालत पिछले दो माह से काफी खराब है। शौचालय का पिछले दो माह से काफी खराब है। शौचालय का दरवाजा टूटा हुआ है। शौचालय की बदबू से विद्यालय के बच्चों व शिक्षकों का कैम्पस में रहना दूभर हो गया है। विद्यालय के बच्चों के लिए कंबल और बेडशीट की कमी होने के कारण कड़ाके की ठंड में रात बिताने को विवश हैं। विद्यालय के बच्चों का कहना है कि उनके लिए भवन की भी कमी है। इस संबंध में विद्यालय के अधीक्षिका प्रभावी मिश्रा द्वारा विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत कराया है परन्तु अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पिछले 6 साल से साहब बोल रहे हैं कि भवन बनेगा बनेगा करके अभी तक भवन नहीं बना हैं।

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अधिकारी समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं 

हॉस्टल वार्डन किशन ने बताया कि, यहां पर रूम की कमी के कारण बच्चों को बाथरूम में सोना पड़ता है। यहां पर अपना भवन नहीं होने के कारण बच्चों को सोने में काफी परेशानियां होती है। एक साथ दो संस्थाओं का स्कूल चल रहा है। बालिका और बालक दो संस्था के बच्चे रहते हैं। भवन की बैठक क्षमता से अधिक बच्चे होने की वजह से सभी लोगों को दिक्कतें हो रही है। उच्च अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी समस्या पर कोई गंभीर नहीं है। यहां पर बहुत से दिक्कते से बच्चों को सामना करना पड़ता है। हमने टाइम टाइम पर अपनी समस्याओं को लेकर अधिकारियों को अवगत कराया है। वहीं चेकिंग के लिए जो आते हैं उनको भी हमने बताया है।

काफी दिनों से मिल रही थी शिकायत 

नारायणपुर आम आदमी पार्टी  के  जिला अध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर ने बताया कि, बच्चों की बहुत दिन से शिकायत आम आदमी पार्टी को मिल रही थी। अचानक कल टीम बनाकर आश्रम में गए थे। बालक छात्रावास छोटेडोंगर ओरछा में बच्चे शौचालय में सोने के लिए मजबूर हैं। वहां पर ना चादर उपलब्ध है ना ही गद्दा। बेड भी उपलब्ध नहीं है। बच्चे वहां पर खुले में नहाते हैं। बालक छात्रावास के भी बच्चे बाहर में शौच करने भी जाते हैं। दुर्भाग्य की बात है कि बच्चे रात में भी जाते हैं शेर भालू का डर रहता है। ऐसे प्राचार्य को हम तुरंत सस्पेंड करने की मांग करते हैं। बच्चों ने अपनी परेशानियां बताई नहाने के लिए बाथरुम नहीं है शौचालय नहीं है। तीन-तीन, चार-चार कैमरा बच्चों के नहाने की जगह में लगा है। उसका जो रिमोट सिस्टम है वह प्राचार्य रखता है और बच्चे डरे हुए हैं। वहां पर वह किसी को बता भी नहीं पा रहे हैं। अचानक से धीरे से बच्चियों ने बताया कि यहां पर कैमरा लगाया गया है। हम नहा नहीं पाते हैं। प्राचार्य के ऊपर एफआईआर होनी चाहिए।

50 सीटर आश्रम में 180 छात्र यहां पर 50 सीटों

नारायणपुर सर्व आदिवासी समाज फूल सिंह कचलाम  ने बताया कि, वाले आश्रम में 180 छात्र अतिरिक्त भरे गए हैं। जगह नहीं होने की वजह से शौचालय का इस्तेमाल करके विद्यार्थियों ने वहां बेड लगाए हैं। सर्व आदिवासी समाज इसकी निंदा करती है। वहां पर जहां पर शौचालय बना है उसी साइड में कैमरा लगाया गया है। जिला प्रशासन से बड़ी से बड़ी कार्रवाई की सर्व आदिवासी समाज ने मांग की है।

एसी को जांच के लिए भेजा गया

कोंडागांव एडीएम वीरेंद्र बहादुर पांचभाई ने बताया कि, हॉस्टल में नहाने की जगह में सीसी टीवी कैमरा लगाने और बाथरूम में सोने की जानकारी मिली हैं। जिस पर कलेक्टर बिपिन मांझी के निर्देश पर सहायक आयुक्त को जांच के लिए छोटेडोंगर भेजा गया है। टीम की वापसी के बाद जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

8 से 12 छात्र एक रूम में रहते हैं

विद्यार्थियों का कहना है कि,  यहां पर पानी की बहुत समस्या है। कभी-कभी तो बिना नहाए स्कूल जाना पड़ता है जिससे लेट भी हो जाता हैं। कई लोग बाथरूम में सोते हैं। कमरे की व्यवस्था नहीं होने से 8 से 12 लोग रूम में सोते हैं बाकी के लोग बाथरूम में जाते हैं। यहां पर कंबल वगैरा की सुविधा नहीं हैं। एक ही बार कंबल आया था यहां पर कंबल नहीं है। कई लोग अपने घर से कंबल लाकर अपना काम चला रहे हैं। अभी तो ठंड का सीजन भी है सम