रविकांत सिंह राजपूत - मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ चिरमिरी भरतपुर जिले में एक परिवार ऐसा भी जिसके पास कोई सहारा नहीं कहां जा सकता है। उम्र का तकाजा जो जिंदगी की सबसे बड़ी बीमारी है। क्योंकि उस उम्र में आने के बाद अपने भरण पोषण के लिए भी हाथ पैर तक काम करना बंद कर देते हैं, जिससे जीना बहुत मुश्किल हो जाता है और बस एक आस लगाए बैठे रहते हैं, जहां एक तरफ उम्र की मार तो दूसरी ओर पत्नी बीमार कैसे करें जीवन यापन। एक ही परिवार में दो बुजुर्ग पति-पत्नी।

बता दें कि, मनेंद्रगढ चिरमिरी भरतपुर जिला विकासखंड भरतपुर से लगभग 20 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत पूंजी में एक परिवार में दो लोग रहते हैं। पति पत्नी दोनों विकलांग की स्थिति में होने के बावजूद इनको अपना जीवन जीने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। एक तरफ तो उम्र का तकाजा और दूसरी तरफ पत्नी की बीमारी से जूझ रहे हैं।  पति रामनाथ यादव अपनी पत्नी जिसका दिमाग की संतुलन ठीक नहीं होने की वजह से पत्नी की चिंता में खोए रहते हैं। वहीं रामनाथ यादव अपनी बढ़ती उम्र को लेकर और अपने पैरों से लाचार जहां अब उनके कान में सुनाई भी बहुत कम देता हैं।

 

मुक्त राशन बंद 

इस हालत में जीवन यापन करने को मजबूर हो गए हैं,जहां शासन की ओर से इनको मुक्त राशन दिया जाता था। उससे भी अब यह दो महीने से वंचित इनको होना पड़ रहा है । अब दोनों पति-पत्नियों के सामने एक बहुत बड़ा चुनौती है कि, अपनी जीवन कैसे जिये जो राशन इनको मिलता था । अब उससे भी इनको वंचित होना पड़ा है,लगातार राशन दुकान का चक्कर राशन के लिए लग रहे हैं ।

दो-तीन महीनों से नहीं मिला राशन

रामनाथ यादव ने बताया कि, दो-तीन महीने से सबको राशन दे रहे हैं, लेकिन मुझे राशन आज तक नहीं दिया। इतनी हताश जिंदगी जीने को मजबूर हैं कि ठीक से अपना दुखः भी नहीं बता पा रहे हैं। राशन दुकान के संचालक एक ऐसा रत रतिया जवाब देते हैं जब पकड़ा जाते हैं इनका कहना रहता है कि, इनका फिंगरप्रिंट ही नहीं लग रहा था इस वजह से इनको राशन नहीं दिया जा रहा था। 

भूख-प्यास से तड़प रहे बुजुर्ग 

चंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि, शासन ऐसे बुजुर्गों के लिए हर स्तर पर सहयोग कर रही है, लेकिन इस प्रकार की दुकानदार चंद पैसे की खातिर ऐसे लोगों को भूखे - प्यासे तड़पने के लिए मजबूर कर देते हैं। क्या शासन प्रशासन ऐसे लोगों पर कार्यवाही करके इनकों निरस्त कर करेगीं या नहीं या एक बहुत बड़ा सवाल है।

चावल नहीं मिलने की जांच की जाएगी

सरपंच बिमला सिंह ने बताया कि, मुझे अभी पता चला है कि, गरीबों को 2 महीने से चावल नहीं मिला है। मैं इसकी जांच करवाऊंगी, लेकिन सवाल यह उठता है। ऐसे जनप्रतिनिधि जो एक ही गांव में रहकर गांव की हालत से वंचित है।