रायपुर। बिलासपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी देवेंद्र यादव अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। वे मानते हैं कि बिलासपुर तीन दशकों से अच्छे लीडरशिप की कमी से जुझ रहा है, इस चुनाव में कांग्रेस जीतेगी और उनकी आवाज दिल्ली में मजबूती से रखूंगा। अब कांग्रेस इस बार नहीं हारेगी। कैसे? वे कहते हैं कि बिलासपुर में भाजपा बिखरी हुई है। जिसे तरीके से भाजपा के बड़े नेताओं को एक-एक कर खत्म कर घर बिठाने का काम किया जा रहा है। भाजपा में तानाशाही चल रही है। उसका नुकसान भाजपा को छत्तीसगढ़ में उठाना पड़ेगा। देवेंद्र यादव से हरिभूमि-आईएनएच के प्रबंध संपादक डा. हिमांशु द्विवेदी ने चुनावी संवाद में चर्चा की।
सवाल - पार्टी में आपकी क्या सेटिंग है कि महापौर, विधायक और अब सांसद की टिकट भी ले आए।
जवाब- परिस्थिति और परिश्रम से सब होता है। जिस उम्र में मुझे महापौर की टिकट मिली और जीत दर्ज की। उसके बाद विधायक की टिकट मिली वह भी एक वरिष्ठ नेता से चुनाव लड़कर जीता। यह सब परिस्थिति और परिश्रम के कारण ही संभव हुआ। जो उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है इसके पीछे परिस्थितियां ही हैं।
सवाल-दुर्ग लोकसभा से भूपेश बघेल ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया तब वहां से लड़ने के बजाय बिलासपुर क्यों चले गए।
जवाब- पार्टी ने यह तय किया कि बिलासपुर से यादव समाज के किसी उम्मीदवार को चुनाव में उतारा जाएगा। पार्टी के वरिष्ठ लोगों ने चर्चा की। मुझसे से भी पूछा गया तो मैंने कहा, पार्टी मौका देगी तो मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि 34 की उम्र में मुझे यह मौका मिल रहा है।
सवाल- यहां से प्रत्याशी बनने से ही खुश हैं या चुनाव जीतने के प्रयास भी हो रहे हैं। विधानसभा चुनाव हारे अब लोकसभा में कैसे जीत की उम्मीद है।
जवाब- यह लोकसभा का चुनाव अलग तरह का है। बीजेपी पूरे देश में बहुमत नहीं ला पाएगी। भाजपा कार्यकर्ताओं में अहंकार हो गया है। बिलासपुर की बात करें तो यहां पर कांग्रेस चुनाव जीत रही है। छत्तीसगढ़ में भी कई सीटों पर कांग्रेस जीत रही है। केंद्र की भाजपा सरकार को 10 साल हो गए। इन वर्षों में पार्टी ने महंगाई, बेरोजगारी और आम लोगों की समस्याओं को कम करने का प्रयास नहीं किया। देश में धार्मिक वातावरण बना दिया गया है, लेकिन इनके वर्करों का मौरल डाउन हो रहा है। एक नरेटिव गुब्बारा फुला दिया गया है, लेकिन इनके सारे प्रापेगेंडा फेल हो रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस का इसका फायदा मिलेगा।
सवाल-आप कह रहे हैं बीजेपी वर्करों का मॉरल डाउन हो गया। यहां कांग्रेस रोज पार्टी छोड़ कर भाजपा में जा रहे हैं। यह बताएं कि यह क्यों हो रहा है।
जवाब- कुछ लोग जीवन में आसान राह देखते हैं, कुछ कठिन राह पर तय करते हैं। कांग्रेस की परिस्थितियों में जो डटा रहेगा वहीं चल पाएगा। हम लोग युवा लोग हैं पूरी ऊर्जा के साथ जूटे हैं। कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। कांग्रेस लोकतांत्रिक पार्टी है यहां पर अपनी बातों को पार्टी के अंदर और उचित फोरम में रखते हैं। पार्टी छोड़कर जो रहे हैं सबकी अपनी-अपनी राय है। भाजपा का जो अच्छा पल था वह 2019 में हो चुका है। अब उनकों नीचे ही आना है। अब पार्टी ऊपर नहीं जाएगी।
सवाल- आप कांग्रेस को लोकतांत्रिक पार्टी बताते हैं और आपके नेता प्रतिपक्ष प्रधानमंत्री का सर लाठी से फोड़ने की बात करते हैं।
जवाब- भाजपा का सिस्टम ऐसा है कि एक बात को ये इतना नरेटिव प्रचारित करते हैं कि जवाब दे जाते हैं। यह मुद्दा जवाब देने लायक नहीं था। फिर भी हमारे नेताओं ने इसका जवाब दिया। भाजपा तिल का ताड़ बनाने में माहिर हैं।
सवाल- दुर्ग से आपको टिकट नहीं मिला इसका कोई मलाल है क्या। सरकार रहने के बाद भी कांग्रेस ने दो सीटें जीती अब कैसे जीत पाएंगे जब चारों खाने चित्त है।
जवाब- 2023 के चुनाव में कई चीजों को मिस किया जिन्हें नहीं देख पाए। भाजपा सरकार को 10 साल हो गए। देश की जनता सभी चीजों को करीब से देखती है। उनको इसका बेस्ट दे चुकी है। बिलासपुर की जनता ने जो सांसद दिया वो संसद में अपनी बात नहीं उठा पाता। बिलासपुर क्रांतिकारियों का शहर है। यहां के लोगों को अच्छी लीडरशिप चाहिए।
सवाल- बिलासपुर में टिकट मिलने के बाद कांग्रेसियों ने विरोध किया। अब वे उनसे से लड़ रहे हैं या भाजपा से बताएं।
जवाब- बिलासपुर से टिकट मिलने के बाद यहां पर हमारी पार्टी के लोगों के साथ मिलकर अब हम भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं। बिलासपुर की कांग्रेस नेत्री वाणी राव पहले भी कई पार्टी में रहीं। लोग अपनी रूचि के अनुसार समय के साथ बदलते हैं। पार्टी संगठन समय के अनुसार निर्णय लेते हैं। पार्टी में काम करने का एक प्रोसेस होना चाहिए।
सवाल- तीन दशक से हार रही है ऐसा क्यों? इस बार नहीं हारेगी कैसे?
जवाब- अब कांग्रेस इस बार नहीं हारेगी। वहां की राजनीतिक परिस्थितियों में वहां पर बदलाव की स्थिति बनने लगी है। वहां पर युवाओं से अच्छा सपोर्ट मिल रहा है। यहां पर चुनाव में जीत के पर बिल्कुल डाउट नहीं है। चुनाव प्रबंधन और अन्य मामलों में काम किया जा रहा है। बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव हम जीत ही रहे हैं। बिलासपुर में भाजपा बिखरी हुई है। भाजपा में नया समीकरण प्रयोग किया जा रहा है। जिसे तरीके से भाजपा के बड़े नेताओं को एक-एक कर खत्म कर घर बिठाने का काम किया जा रहा है। भाजपा में तानाशाही चल रही है। उसका नुकसान भाजपा को छत्तीसगढ़ में उठाना पड़ेगा।