रायपुर। भारतीय राजनीति के वर्तमान परिवेश में राजनाथ सिंह को अजातशत्रु के रूप में देखा जाता है। गत चार दशक से सत्ता और संगठन दोनों में ही तमाम अहम पदों पर रहे और वर्तमान में देश के रक्षा मंत्री का दायित्व निभा रहे राजनाथ सिंह आज भी अपनी मूल पहचान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में ही देखते हैं। श्री सिंह भाजपा की सत्ता में वापसी को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं। अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में भाजपा को वर्ष 2014 के आम चुनाव में स्पष्ट जनादेश दिलाने में सफल रहे राजनाथ सिंह ने चुनावी व्यस्तता के बीच आज देश की राजधानी में हरिभूमि मीडिया समूह के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी से खुलकर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने तीसरी बार भी लगातार जीत की उम्मीद की वजह नरेंद्र मोदी की चमत्कारिक शख्सियत और उनके नेतृत्व में दस साल के दौरान देशहित -जनहित में किए गए बेमिसाल कामों को बताया। पढ़िए इस बातचीत के खास अंशः
■ 2013 में आप राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब आपने नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री के रूप में चेहरा सामने रखा था, आज आप कितने संतुष्ट और खुश हैं?
■ मोदी जी को प्रधानमंत्री के चेहरे के रूप में सामने रखने का फैसला पार्लियामेंट्री बोर्ड का था। गोवा में सभी ने मिलकर तय किया था कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के चेहरे के रूप में सामने रखना है। पार्टी का यह फैसला सही था और भारत के इतिहास में पहली बार भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला और केंद्र में हमारी सरकार बनी।
■ केंद्र में भाजपा सरकार और नरेंद्र मोदी के दस साल के कार्यकाल को लेकर क्या सोचते हैं, क्या उम्मीदें पूरी हो पाईं ?
■ आज नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में काम करते हुए दस साल हो गए हैं। हमारी केंद्र सरकार पर एक भी रुपए का भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। इसके पहले जितनी भी सरकारें रही हैं, उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, कई मंत्रियों पर भी आरोप लगे और उनको जेल की हवा भी खाली पड़ी, लेकिन भाजपा सरकार पर ऐसा कोई आरोप नहीं है। किसी मंत्री पर भी कोई आरोप नहीं है। मोदी जी के नेतृत्व में विश्व में भारत की प्रतिष्ठा और कद बढ़ा है। अर्थव्यवस्था के मामले में भी देखें को मोदी सरकार में भारत मजबूत हुआ है। भारत पहले विश्व में 11 वें स्थान पर था, लेकिन मोदी सरकार के बनने के बाद भारत पांचवें स्थान पर आ गया है। अब अर्थव्यवस्था में भारत को विश्व की तीसरी शक्ति बनाने की तैयारी है। यह तय है कि 2027 के आते-आते भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश होगा। विश्व स्तर पर भारत की बातों को पहले गंभीरता पूर्वक नहीं लिया जाता था, लेकिन आज स्थिति बदली है। आज भारत की बातों को गंभीरता से लिया जाता है। भारत आज अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बोलता है तो सारी दुनिया कान खोलकर सुनती है।
■ लोग आज भी कहते हैं कि आम लोगों के लिए क्या किया ?
■ कोरोना काल में हमारे प्रधानमंत्री ने देश भर की जनता के लिए वैक्सीन की व्यवस्था की। प्रधानमंत्री ने हर प्रकार का समर्थन वैज्ञानिकों को दिया, हमारे वैज्ञानिकों ने करिश्मा किया। हमारे वैज्ञानिकों ने कोरोना की वैक्सीन तैयार की और 140 करोड़ भारतीयों को वैक्सीन लगाई गई। दुनिया के सौ देशों को भी कोरोना की वैक्सीन भारत ने दी। इतने संकट के बाद भी देश की अर्थव्यवस्था पर कोई संकट पड़ने नहीं दिया गया। मैं मानता हूं कि यह हमारी सरकार का करिश्मा है।
■ विपक्ष आरोप लगाता है पूंजीपतियों की सरकार है, उद्योगपतियों का कर्ज माफ किया है, किसानों का कर्ज माफ नहीं करते हैं?
■ उद्योगपतियों का भी देश की अर्थव्यवस्था को बनाने में बड़ा योगदान है। ये परंपरा पहले से चली आ रही थी, ये लोग जन सामान्य को गुमराह करने का काम करते हैं।
■ कांग्रेस का घोषणपत्र परेशान तो नहीं कर रहा है, राहुल गांधी कहते हैं सरकार बनने पर महिलाओं को एक लाख साल का देंगे?
■ 52 साल तक इनकी सरकार थी, तब क्यों नहीं दिया। ये जानते हैं इनकी सरकार आनी ही नहीं है तो जो वादे चाहे कर ले, क्या फर्क पड़ता है। मेरा मानना है जनता की आंखों में धूल झोंककर किसी भी पार्टी या नेता को राजनीति नहीं करनी चाहिए। नैतिक साहस होना चाहिए जनता की आंखों में आंखें डालकर बात करें और जो कहें उसे करें भी। भाजपा के बारे में आज कोई कुछ नहीं कह सकता है। हम जो कहते हैं वो करते भी हैं। जनता को अंधेरे में रखकर राजनीति हम नहीं करते हैं। हम सिर्फ सरकार बनाने के लिए राजनीति नहीं कर रहे हैं, देश बनाने के लिए राजनीति कर रहे हैं।
■ आप रक्षा मंत्री हैं, हमारी सीमाओं की स्थिति क्या है, इसको लेकर सवाल खड़े किए जाते हैं?
■ हमारी सीमाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं, थोड़े बहुत मामले रहे हैं, बातचीत चल रही है, परिणामों की प्रतीक्षा है। देश के मान सम्मान के साथ हमारी सरकार किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं करती है।
■ कश्मीर को लेकर कुछ कहना चाहेंगे?
■ कश्मीर के तो पूरे हालात ही बदल गए हैं। पहली बार बहुत ज्यादा मतदान हुआ है। मुझे ध्यान नहीं है कि पहले कभी इतना मतदान हुआ था।
■ भाजपा का 400 पार का लक्ष्य पाने के लिए है या मनोबल बनाए रखने के लिए है?
■ लक्ष्य कहना ठीक नहीं है, इसे संकल्प कह सकते हैं। हम आश्वस्त हैं कि इस संकल्प को पूरा करने का काम करेंगे।
■ ईवीएम को लेकर विपक्ष के आरोप पर क्या कहते हैं?
■ जिन राज्यों में विपक्ष जीत जाता है, वहां ईवीएम में गड़बड़ी नहीं होती है, जहां हार जाता है, वहां गड़बड़ी की बात की जाती है।
■ विपक्ष के गठबंधन को किस तरह से देखते हैं?
■ ये कैसा गठबंधन है, एक तरफ दिल्ली में आप के साथ मिलकर लड़ रहे हैं, वहीं पंजाब में साथ नहीं हैं। जमावड़ा है, जब तक चल रहा है चल रहा है।
■ दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी जीत जाती है?
■ अब आम आदमी पार्टी एक्सपोज हो चुकी है। कहा था दिल्ली में हमारी सरकार बनेगी तो हम मुख्यमंत्री निवास में नहीं रहेंगे। आप देखेंगे वहां पर मुख्यमंत्री निवास के नाम पर महल बनकर तैयार हो गया। अन्ना हजारे ने कहा था आंदोलन के बाद कोई राजनीति पार्टी नहीं बनेगी, लेकिन उनकी बात नहीं मानी और पार्टी बना दी। कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं। ऐसे व्यक्ति को देश किसी भी रूप में स्वीकार नहीं सकता है।
■ सत्ता में काम करते ज्यादा संतोष मिला या संगठन में काम करते हुए?
■ दोनों का अपना अलग स्थान है। मंत्रालय की जिम्मेदारी रहती है तो देश के लिए काम करने का मौका मिलता है तो बड़ा संतोष होता है।