रायपुर। छत्तीसगढ़ की सियासत में सरोज पाण्डे को करिश्माई शख्सियत के रूप में देखा जाता है। एक ऐसा राजनीतिज्ञ जो गत ढाई दशक से आम जनता और पार्टी नेतृत्व दोनों की ही निगाहों में लगातार सराहा जाता रहा है। एक ही समय में महापौर, विधायक और सांसद बने रहने का करिश्मा कर दिखाने वाली भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडे का बतौर महापौर काम आज भी लोगों के जेहन में कौतूहल का विषय है। जनता की समस्याओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मान के मुद्दे पर उनकी आक्रमक कार्यशाली ने उन्हें भीड़ से अलग पहचान दिलाने और जन नेता के तौर पर स्थापित करने में महती भूमिका निभाई। उन सरोज पांडे को भारतीय जनता पार्टी ने कोरबा संसदीय क्षेत्र से इस बार मैदान में उतारा है। किन उम्मीद के साथ वह मैदान में है इस पर हमने उनसे खुलकर बातचीत की। उन्होंने कहा जनता को परिवारवादी और निष्क्रिय नहीं मुखर सांसद चाहिए। सभी समाज और वर्ग के समर्थन को अपनी पूंजी करार देनी वाली सरोज पांडे के साथ हुए चुनावी संवाद के प्रमुख अंशः-
चार माह में विष्णु सरकार ने मोदी की गारंटी को पूरा कर दिया
सवाल- सरकार के पिछले चार माह के काम को कैसे देखती हैं।
जवाब- छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री बने हैं। मोदी की गारंटी को बहुत कम समय में पूरा किया। आदिवासियों की योजनाओं को लागू किया जिससे कोरबा क्षेत्र के लोगों में खुशी है। यहां पर महतारी वंदन योजना, आवास योजना को कम समय में पूरा हुआ। यहां पर जनजातीय समाज भी उन योजनाओं से खुश है। वे उस व्यक्तित्व के साथ समाजिक रूप से जुड़े हैं।
सवाल- कोरबा क्षेत्र में किन समस्याओं को आपने देखा जिन्हें पूरा करने पर जोर देंगी।
जवाब- यहां पर मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। डस्ट की समस्या है। स्वास्थ्य के तौर पर यहां पर और सुविधाएं होनी चाहिए। प्रदेश में पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं, उन्हें विकसित करना चाहिए। यहां पर जिन क्षेत्रों को जिला बनाया गया, उन्हें जिले के रूप में विकसित कर सुविधाएं देने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र को आदर्श क्षेत्र के रूप में विकसित करने का प्रयास करूंगी। यहां पर आवासीय पट्टे के रूप में छह माह में सुविधा देने का प्रयास होगा।
विपक्ष के आधे लोग जेल में हैं आधे जेल जाने वाले हैं
सवाल- मोदी के खिलाफ सारे विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल रखा है उनकी कोशिशें चुनाव में परवान नहीं चढ़ेगी ?
जवाब- इन दलों के आधे लोग जेल में हैं। आधे जेल जाने वाले हैं। जिन्होंने जैसा काम किया है, वो डर रहे हैं। पहली बार लोकतंत्र में अपने पापों का जवाब देना पड़ रहा है। सबका अपना डर है अतः सब एकत्रित हो रहे हैं। भाजपा राष्ट्रवाद पर चलती है। बाकी दल परिवार वाद से उपर नहीं उठ पा रहे हैं।
मैं कोरबा की पालक सांसद रही हूं, यहां काम किया है
सवाल- आपने कोरबा क्षेत्र को ही क्यों चुना, यहां क्यों आ गईं?
जवाब- कोरबा की मैं पालक सांसद भी रही। पालक सांसद रहते हुए काम किया अपनी सांसद निधि का उपयोग किया। मोदी की योजनाओं पर यहां पर काम किया। यहां की सांसद कहीं दिखाई नहीं देती। प्रत्याशी होने के बाद भी उन्हें कोई पहचानता तक नहीं। उन्होंने यहां पर जानकर भी कोई काम नहीं किया। भ्रष्टाचार का आलम चरम पर है, दो-दो कलेक्टर चले गए। डीएमएफ की बैठक में सांसद स्वयं उपस्थित रहती है और कहती है कि कांग्रेसी भ्रष्टाचारी हैं।
कांग्रेस में एका नहीं है कांग्रेस कमजोर है
सवाल- कैसे जीतेंगे, कोरबा में कांग्रेस को जिताने भूपेश बघेल भी आए थे। कांग्रेस में एका दिखता है।
जवाब- कांग्रेस में एका होगा यह दिखता नहीं। महंत जी ने राजनांदगांव में प्रधानमंत्री पर भद्दी टिप्पणी की। यहां पर भूपेश दोस्ती यारी निभा रहे हैं। कांग्रेस में एका हो यह दिखता नहीं। कोरबा में भी कांग्रेस की काफी कमजोर हालत है।
सवाल- कांग्रेसियों को भाजपा में लाने आपका मन क्यों तैयार रहता है।
जवाब- पूरे देश में जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आना चाहते हैं उनका हम स्वागत करते हैं। जो राष्ट्रवाद के मुद्दे पर हमारे साथ भाजपा के साथ आना चाहते हैं, तो उनका स्वागत करते हैं।
सवाल- भाजपा को इस बार के चुनाव में बहुमत मिलेगा, इसका भरोसा है आपको ?
जवाब- अबकी बार 400 नहीं 400 से भी ज्यादा। प्रधानमंत्री ने जो नारा दिया है, वह पूरा होगा। जिस प्रकार पूरे देश में प्रधानमंत्री की नीतियों को लेकर जो वातावरण है। प्रधानमंत्री ने पिछले 10 साल में जनता का काम किया है। मोदी जी ने रिकार्ड समय में गरीबों और जनता का काम किया है।
सवाल- कांग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी बता रहे हैं कि गरीबी से देश को मुक्ति क्यों नहीं दिलाना चाहती।
जवाब- पिछली बार कांग्रेस की सरकार थी, महिलाओं को 500 रुपए देने की बात कहीं, पांच साल में नहीं दिया। भाजपा ने सालाना 12000 देने का वादा किया उसे जनता ने विश्वास किया। राहुल गांधी की बातों में कोई गंभीरता नहीं है। एक लाख कांग्रेस नहीं दे सकती है उनकी बातों में कोई गंभीरता नहीं है। उनको थोड़ा अध्ययन करना चाहिए। गरीबी का नारा कितनी वर्षों से चल रहा है। अब पहली बार भाजपा की मोदी सरकार गरीबों की सरकार है
सवाल- ज्योत्सना महंत पर कुछ ज्यादती नहीं कर रही हैं आप ?
जवाब- गैर राजनीतिक महिला को परिवारवाद के तहत राजनीति के मैदान में उत्तार दिया गया। यह कहां तक उचित है? कांग्रेस पार्टी के उन कार्यकर्ताओं का क्या, जो वर्षों से काम कर रहे हैं।