रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन हेमंत वर्मा ने बिजली की दर को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि, बीते वर्षों में बिजली कंपनी को 4 हजार 4 सौ करोड़ का घाटा हुआ है। बिजली विभाग को 20 फीसदी का नुकसान हुआ है। जिसको लेकर राज्य सरकार ने बिजली कंपनी को घाटे की भरपाई के लिए 1 हजार करोड़ का अनुदान दिया है। अब बिजली की दरों में 8.35 फीसदी की वृद्धि होगी और 20 पैसे प्रति यूनिट की दर से रेट में बढ़ोत्तरी होगी।

कृषि पंपों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि 

बिजली नियामक आयोग ने नया टैरिफ आदेश जारी कर दिया है। नए टैरिफ के मुताबिक, घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली की दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। इसके अलावा कृषि पंपों के लिए भी विद्युत दर में बढ़ाया गया है। कृषि पंपों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है और कृषि उपभोक्ताओं को पहले 5.05 रुपए की दर से चार्ज लगता था जो अब 5.30 रुपए हो गया है। 

इन पर पड़ेगा असर 

विनियामक आयोग के चेयर मैन हेमंत वर्मा ने इसकी घोषणा की। बिजली की दरों में 8.35 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि,  नुकसान की भरपाई करने के लिए यह कदम उठाया गया है। बिजली कंपनी में वर्तमान में 65 लाख से ज्यादा उपभोक्ता है। ये उपभोक्ता बीपीएल, घरेलू, कॉमर्शियल और कृषि उपभोक्ता में बंटे हुए हैं। नए टैरिफ का असर बीपीएल, घरेलू और कृषि उपभोक्ता पर कम और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं पर ज्यादा पड़ेगा।

उद्योग संघ बोला- छत्तीसगढ़ में लागू हो बिजली की 2 दरें 

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग अगर बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता के आधार पर बिजली की दो दरें तय कर दे। तो यह उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर हो सकती है। उत्कृष्ट क्वालिटी, बिना कटौती और ट्रिपिंग के बिजली आपूर्ति के लिए पूरी दर ली जाए। वहीं, खराब गुणवत्ता की आपूर्ति के लिए इससे 25 फीसदी कम दर ली जाए। छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के अध्यक्ष हरीश केडिया ने आयोग के चेयरमैन को पत्र लिखकर की है। केडिया ने साफ किया है कि बिजली दरों में बढ़ोतरी की चर्चा चल ही रही है। इसलिए उन्होंने बिजली सप्लाई की गुणवत्ता को लेकर आ रही दिक्कतों के आधार पर क्वालिटी आधारित सप्लाई के हिसाब से नई दरें निर्धारित करने का सुझाव दिया है।

उद्योग संघ ने दिए कई सुझाव 

केडिया ने विद्युत नियामक आयोग को उक्त सुझावों के अतिरिक्त भविष्य में निर्मित होने वाले विद्युत संकट से निपटने अभी से तैयारी करने कहा है। उन्होंने विद्युत उत्पादन में 10 हजार मेगावॉट क्षमता की बढ़ोतरी करने, अविलंब योजना बनाने का भी सुझाव दिया। ताकि विद्युत संकट से निबटा जा सके। उन्होंने कहा कि, गुजरात सरकार लाइन लॉस 3 फीसदी तक पहुंचा सकता है, तो छत्तीसगढ़ 15 फीसदी में क्यों अटका हुआ है? उन्होंने मांग की कि विद्युत कंपनी को बिजली दर बढ़ाने की बजाय बिजली चोरी रोकने और लाइन लॉस घटाने पर ध्यान देकर खराब क्वालिटी की बिजली सप्लाई के दाम नहीं बढ़ाना चाहिए। दो दर लागू करने के नियम बनाने का निर्देश देना चाहिए।

देखिये जारी आदेश....