रायपुर। रायगढ़ तथा धरमजयगढ़ वनमंडल में इन दिनों 150 से ज्यादा हाथियों का मूवमेंट है। हाथियों के मूवमेंट की वजह से ग्रामीण बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। हाथियों से छुटकारा पाने ग्रामीण ऐसी तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, जिससे हाथी विचलित हो जान-माल का नुकसान कर रहे हैं। हाथी मित्र दल भी ग्रामीणों के सामने बेबस नजर आ रहे हैं और ग्रामीणों को हाथी के पास जाने से नहीं रोक पा रहे हैं।

रायगढ़ वन मंडल में वर्तमान में 49, धरमजयगढ़ वनमंडल में 109 तथा रायगढ़ से सटे सारंगढ़- बिलाईगढ़ वनमंडल में 26 हाथियों को दल विचरण कर रहा है। सारंगढ़ वनमंडल में गुरुवार को एक व्यक्ति की हाथी से कुचलकर मौत हो गई है, जिसकी वजह से ग्रामीण आक्रोषित हैं। रायगढ़ तथा धरमजयगढ़ वनमंडल में सरगुजा तथा जसपुर से हाथियों के आने की बात जानकार कह रहे हैं। अफसरों के अनुसार मानव हाथी द्वंद्व रोकने हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं। बावजूद इसके मानव हाथी द्वंद्व रुकने का नाम नहीं ले रहा।

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ग्रामीण इसलिए परेशान

अभी धान की फसल पककर तैयार हुई है। हाथियों के आने से किसानों की फसल का नुकसान हो रहा है। इसके कारण ग्रामीण हाथियों से परेशान हैं। हाथियों को अपने क्षेत्र से भगाने ग्रामीण अपने स्तर पर ऐसे उपाय कर रहे हैं, जिससे हाथी और ज्यादा विचलित होकर जंगल से निकलकर रहवासी क्षेत्र में घुस रहे हैं, जिसकी वजह से ग्रामीणों को और भी ज्यादा नुकसान हो रहा है।

ट्रैक्टर में निकल रही 'हांका' पार्टी

हाथियों को अपने क्षेत्र से भगाने ग्रामीण झुंड में ट्रैक्टर में सवार होकर जंगल की ओर जा रहे हैं जो हाथियों को भगाने तेज आवाज लगाने के साथ अपने साथ तेज रोशनी वाली लाइट रखे हैं, जिसे हांका पार्टी कहा जाता है। तेज आवाज तथा लाइट देख हाथी डरकर तथा विचलित होकर इधर उधर भाग रहे हैं। हाथियों को भगाने का एक ऐसा ही वीडियो सामने आया है, जिसमें ग्रामीण ट्रैक्टर पर सवार होकर हाथियों को भगाने तेज आवाज लगाने के साथ उन पर लाइट मार रहे हैं।

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राज्य के ज्यादातर जिले हाथी प्रभावित

राज्य के ज्यादातर जिला हाथी प्रभावित हो गए हैं। जसपुर, सरगुजा, रायगढ़, कोरबा तक सिमित रहने वाला हाथी मैदानी क्षेत्र तक पहुंच गए हैं। राज्य के बलौदाबाजार, महासमुंद, सारंगढ़- बिलाईगढ़ तथा बलौदाबाजार वनमंडल में पड़ोसी राज्य ओडिशा के हाथी यहां आकर डेरा जमा लिया है। सारंगढ़-बिलाईगढ़ वनमंडल में पिछले दो साल के 26 हाथी मूवमेंट कर रहे हैं वह ओडिशा से आए हुए हाथी हैं।

रहवासी क्षेत्र में आने से रोकने जंगल से भगा रहे 

गौरतलब है कि,  हाथी एक दिन में 40 से 50 किलोमीटर चलता है। इस वजह से हाथी जंगल के रास्ते होते हुए रहवासी क्षेत्र पहुंच जाते हैं। रायगढ़ तथा धरमजयगढ़ वनमंडल के जिस जंगल में हाथी आने की सूचना मिल रही है, उस वनमंडल के ग्रामीण हाथियों को अपने वनक्षेत्र से भगाने ट्रैक्टर से निकल रहे हैं। वन्यजीव अधिनियम के अनुसार इस तरह जंगल से हाथियों को भगाना अपराध की श्रेणी में आता है। बावजूद इसके वन विभाग ग्रामीणों के आक्रोष को देखते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।