जगदलपुर। दंतेवाड़ा व नारायणपुर की सीमा से लगे थुलथुली के जंगल में 4 अक्टूबर को प्रदेश के सबसे बड़े एनकाण्टर में सुरक्षाबलों ने 2 करोड़ से अधिक के इनामी 35 नक्सलियों को मार गिराया था। इस मुठभेड़  में मारी गई 8 लाख की इनामी कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र निवासी महिला नक्सली के परिजन शव लेने 12 दिन बाद भी नहीं पहुंचे। जिसके बाद शव का मंगलवार दोपहर कड़ी सुरक्षा के बीच जगदलपुर के मुक्तिधाम में कर दिया गया।

गौरतलब है कि,  माड़ मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने मारे गए 31 नक्सलियों के शव बरामद किया था। जिन पर दो करोड़ से अधिक का इनाम घोषित था। वहीं इस मुठभेड़ के सप्ताह भर बाद नक्सलियों ने पर्चा जारी कर मुठभेड़ में 35 नक्सलियों के मारे जाने का खुलासा किया था। इसी मुठभेड़ में मारी गई महिला नक्सली सोमे पति दुगे उर्फ मानसिंग (30) पीपीसीएम, कम्पनी नम्बर 6 की मेंबर 8 लाख की इनामी निवासी ग्राम रेखावट्टी थाना कोयलीबेड़ा जिला कांकेर की मौत की सूचना के बाद भी परिजन शव लेने जगदलपुर नहीं पहुंचे। डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में रखे सोमे के शव का मंगलवार दोपहर अंतिम संस्कार करते हुए दफना दिया गया।

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तगड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार

अंतिम संस्कार के दौरान पुलिस की चाकचौबंद व्यवस्था की गई थी। नारायणपुर जिले के छोटेडोंगर एसडीओपी अभिषेक पैकरा व छोटेडोंगर थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक सुजीत देवनाथ के अलावा बस्तर जिले के परपा थाना की टीम की मौजूदगी में जेसीबी से कब्र खोदने के बाद शव का दफन निगम कर्मियों द्वारा मुक्तिधाम में किया गया।

12 दिन बाद परिजनों के पहुंचने की संभावना

माड़ मुठभेड़ में मारे गए एक अन्य महिला नक्सली का शव दंतेवाड़ा के मरच्यूरी में रखा गया है जो नारायणपुर जिले की बताई जा रही है। दंतेवाड़ा एसपी गौरव रॉय ने बताया कि महिला नक्सली के परिजनों से सम्पर्क किया गया है और उनके बुधवार को दंतेवाड़ा पहुंचने की संभावना है। उनके पहुंचने पर शव सुपुर्द कर दिया जाएगा। एसपी ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए शेष शवों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।