बालोद। हैलो भैया, मैं माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर - से बोल रहा हूं। आपकी बेटी का नाम.., जिसका रोल नंबर....है। जो मार्च महीने में कक्षा दसवीं बोर्ड की परीक्षा दिलाई है। वह गणित विषय में फेल हो गई है। अगर उसे पास कराना है तो 5 हजार रुपए देना पड़ेगा, आप सहमत हैं तो फोन पे नंबर भेजेंगे ताकि राशि को आप आसानी से हम तक भेज सकेंगे और आपकी बेटी को हम पास कर देंगे। दरअसल उक्त बात फोन पर हुई है। इसमें फोन करने वाले ने बाकायदा छात्र का नाम व रोल नंबर बिल्कुल सही बताया था। बालोद जिले के नागाडबरी निवासी एक किसान ने हरिभूमि को बताया कि अनजान नम्बर से मोबाइल पर फोन आया और ये सब वाक्य उन्होंने बोला।
गांव का रोजी मजदूरी करने वाले किसान चिंतित और दुखी हो गया कि आखिर बेटी दसवीं बोर्ड की परीक्षा में फैल कैसे हो गई और उसे अब पास कराने उन्हें 5 हजार रुपए देने पड़ेंगे। हालांकि उस व्यक्ति ने धैर्य के साथ जागरूकता का परिचय देते हुए उस नम्बर पर रुपए नहीं भेजे, बल्कि ग्राम सिवनी के कोटवार गुलशनदास मानिकपुरी से संपर्क किया। उसके बाद कोटवार और उस व्यक्ति ने आपबीती बात हरिभूमि को बताई। शिकायतकर्ता के पास लगातार दो दिन से फोन आया और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए फोनपे नम्बर भी भेजा गया है। ठग गिरोह का भोलेभाले लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाने माध्यमिक शिक्षा मंडल के नाम का सहारा ले रहे हैं।
जिले में और भी मामला, झमेले से बचने नहीं की शिकायत
मार्च में दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा के समाप्त होने के बाद मूल्यांकन जारी है। इस बीच परीक्षार्थियों के पालकों को फर्जी नम्बर से कॉल आ रहे हैं और उनके बच्चों को फेल होना बताकर रुपयों की मांग की जा रही है। जिले का यह पहला मामला नहीं है। हरिभूमि ने मामले को सामने लाया है, ताकि जिलेवासी इस तरह के झांसे में न आएं और ऐसी धोखाधड़ी का शिकार न हों। इस मामले में नागाड़बरी निवासी व्यक्ति ने शिकायत नहीं करने की बात की, क्योंकि उसके साथ धोखाधड़ी नहीं हुई।
पास कराने मांगे 4 हजार
एक अन्य मामले में लता साहू ने बताया कि मेरे बेटे ने 10 वीं की बोर्ड परीक्षा दिलाया है। इस संदर्भ में माध्यमिक शिक्षा मंडल के नाम से एक कॉल आया था, जिनके द्वारा बताया गया कि आपके बेटे का नंबर दो विषय में कम है। उन्हें पास कराने के लिए उनके द्वारा 4 हजार रूपये की मांग की गईं, लेकिन मुझे संदेह हुआ और उस संदर्भ में मैंने पति को जानकारी दी।
पास कराने मांगे 4 हजार
एक अन्य मामले में लता साहू ने बताया कि मेरे बेटे ने 10 वीं की बोर्ड परीक्षा दिलाया है। इस संदर्भ में माध्यमिक शिक्षा मंडल के नाम से एक कॉल आया था, • जिनके द्वारा बताया गया कि आपके बेटे का नंबर दो विषय में कम है। उन्हें पास कराने के लिए उनके द्वारा 4 हजार रूपये की मांग की गईं, लेकिन मुझे संदेह हुआ और उस संदर्भ में मैंने पति को जानकारी दी।
बड़ा सवाल, विद्यार्थियों के दस्तावेज लीक कैसे
जिस ठग गिरोह ने धोखाधड़ी करने इस नए फार्मूला को अपनाया उससे साफ जाहिर होता है कि परीक्षार्थियों के दस्तावेज लीक हुआ है। क्योंकि ठग गिरोह ने परीक्षार्थी का बकायदा रोल नम्बर व माता पिता सहित गांव का नाम आसानी से बता दिया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि परीक्षार्थियों के दस्तावेज लीक हुए हैं।
इस मामले की जानकारी आपके माध्यम से मुझे मिली है।
बालोद जिला शिक्षा अधिकारी के पीसी मरकले ने बताया कि , हालांकि माध्यमिक शिक्षा मंडल से प्रेस विज्ञप्ति जारी हो चुकी है कि इस तरह के झांसे में न आएं, ये सभी फर्जी कॉल हैं।
फर्जी कॉल पर यकीन न करें
पुलिस अधीक्षक एसआर भगत ने बताया कि, फर्जी कॉल और सोशल मीडिया के माध्यम से ठगी की जा रही है। इसलिए इंस्टाग्राम, वाट्सअप, फेसबुक के साथ ही फर्जी कॉल को अनदेखी कर व्यक्तिगत जानकारी साझा ना करें। वर्तमान में बोर्ड परीक्षा को लेकर जो ठगी के लिए कॉल आ रहे हैं, उन पर यकीन न करें।