बिलासपुर। फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट के मामले में मुंगेली कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कृषि विस्तार अधिकारी गुलाब सिंह राजपूत को सस्पेंड कर दिया है। इस अधिकारी पर कार्रवाई कृषि कोचिंग चलाने के कारण हुई है। इसके साथ ही प्रमाण पत्रों की जांच के लिए भी राज्यक मेडिकल बोर्ड के पास उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया है। हालांकि तीन नोटिस के बाद भी यह अधिकारी जांच कराने नहीं पहुंच रहा है। इसके साथ ही दूसरे विभागों के 17 अन्य लोग जिन पर फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए सरकारी नौकरी हथियाने का आरोप है, उन्हें भी जांच के लिए नोटिस जारी किया गया था लेकिन वे नहीं पहुंचे। जाहिर है दाल में कुछ काला है।
सबसे बड़ी बात जिन लोगों को 22 लोगों को नोटिस जारी हुआ है उसमें अधिकांश के सरनेम राजपूत ही है। दूसरी ओर प्रशासन का दावा है कि जांच में गंभीरता बरती जा रही है और कार्रवाई जरूर होगी। मुंगेली जिले के लोरमी विकासखंड के 6 से 7 गांव ऐसे हैं, जहां पिछले 10 सालों में 300 से अधिक लोग बहरे हो गए हैं। यह हम नहीं बल्कि मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी सर्टिफिकेट कर रहे हैं। इनमें से 147 लोग श्रवण बाधित कान के दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के बाद सरकारी नौकरी भी कर रहे हैं। हालांकि इसमें अधिकांश के फर्जी होने के आरोप भी लग रहे हैं। खास बात यह भी है कि इनमें से अधिकतर का सरनेम राजपूत राठौर और सिंह है। इसकी चर्चा पूरे प्रदेश में है। हरिभूमि के लगातार खुलासे के बाद हुन सभी के प्रमाण पत्रों की जांच के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है लेकिन इसका कोई असर इन पर नहीं पड़ रहा है। जांच के लिए इन्हें 24 और 27 अगस्त 2024 को राज्य मेडिकल बोर्ड रायपुर के सामने हाजिर होना था लेकिन कोई नहीं पहुंचा।
इन विभागों में सालों से कर रहे नौकरी
दिव्यांग संघ के प्रदेश अध्यक्ष बोहित राम चन्द्राकर ने बताया कि वर्तमान में पीएससी से सलेक्ट होकर 7 डिप्टी कलेक्टर, 3 नायब तहसीलदार, 3 लेखा अधिकारी, 3 पशु चिकित्सक, 2 सहकारिता निरीक्षक सहित 21 लोग फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र लगाकर सरकारी नौकरी कर रहे है। लगातार शिकायतों के बाद भी जांच नहीं हो रही है और अधिकारी मामले को दबाकर बैठे हैं। विकलांग संघ के मुताबिक अकेले 53 लोग कृषि विभाग में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पद पर पदस्थ है। वहीं तीन लोग कृषि शिक्षक के पद पर काबिज है।
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी निलंबित
इस फर्जीवाड़े में सबसे अधिक जिसका नाम गुलाब सिंह राजपूत का आ रहा है जो कि ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी होने के साथ ही रायपुर और बिलासपुर में कृषि इंस्टीट्यूट कोचिंग सेंटर का संचालन भी करता है। मुंगेली कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लिया और गुलाब सिंह राजपूत को सस्पेंड कर दिया है। निलंबन अवधि में उसका मुख्यालय कार्यालय उप संचालक कृषि मुंगेली निर्धारित किया गया है। दूसरी ओर संयुक्त कलेक्टर मेनका प्रधान के मुताबिक राज्य मेडिकल बोर्ड के माध्यम से सभी दिव्यांग प्रमाण पत्रों की जांच कराई जा रही है। जो भी जांच के लिए नहीं पहुंचेगे उनके खिलाफ आगे की विधिक कार्रवाई होगी।
इन्हें नोटिस
- गुलाब सिंह राजपूत कृषि विभाग, श्रवण बाधित
- भीष्म राव भोंसले कृषि विभाग, श्रवण बाधित
- सत्यप्रकाश राठौर- योजना और सांख्यिकी, श्रवण बाधित
- नरेन्द सिंह राजपूत श्रम विभाग, श्रवण बाधित
- श्रीमती मनीषा कश्यप- शिक्षा विभाग, श्रवण बाधित
- नरहरि सिंह राठौर-शिक्षा विभाग, श्रवण बाधित
- टेक सिंह राठौर-शिक्षा विभाग, श्रवण बाधित
- रविन्द्र कुमार गुप्ता- शिक्षा विभाग, श्रवण बाधित
- मनीष राजपूत शिक्षा विभाग, श्रवण बाधित
- पवन सिंह राजपूत- शिक्षा विभाग, श्रवण बाधित
- विकास कुमार सोनी शिक्षा विभाग, श्रवण बाधित
- राकेश सिंह राजपूत- शिक्षा विभाग, श्रवण बाधित