रायपुर। लंदन में अपने होनहार की मौत से परिजनों को नियमों की पेचदगियों ने इस कदर उलझा दिया कि अंतिम संस्कार के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ा। लंदन से शव लाने में 20 दिन से ज्यादा का समय लग गया। मृतक के परिजनों के मुताबिक लंदन प्रशासन ने डेथ सर्टिफिकेट बनाने में 10 दिन से ज्यादा का समय लगाया। इसके बाद बॉडी लाने एनओसी बनवाने दूतावास के साथ स्थानीय प्रशासन में भी कई चक्कर लगाने पड़े, तब कहीं जाकर एनओसी मिला और शव लाने की अनुमति मिली। लंदन, स्लाव में टेक महिंद्रा में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर पदस्थ बिप्लव सान्याल का 27 जनवरी को निधन हो गया।

वे श्रमिक और  वाम नेता बी. सान्याल तथा सुचित्रा सान्याल के पुत्र तथा धर्मराज महापात्र के साले थे। धर्मराज के मुताबिक बिप्लव का जिस अस्पताल में निधन हुआ, अस्पताल प्रबंधन ने बगैर डेथ सर्टिफिकेट के बॉडी अस्पताल से देने इनकार कर दिया। लंदन में रहने। लंदन में रहने डेथ सर्टिफिकेट हासिल करने की कोशिश की। लंदन के स्थानीय प्रशासन ने कार्यवाही के नाम पर देर करते हुए 10 दिन के बाद डेथ सर्टिफिकेट जारी किया। मृतक की डेड बॉडी पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज में अध्ययनरत छात्रों के अध्ययन के लिए शुक्रवार को सौंपी जाएगी।