रायपुर। छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन की फसलों के लिए किसानों ने बिना ब्याज का ऋण देने की प्रक्रिया तेज है। अब तक राज्य में किसानों ने एक हजार करोड़ रुपयों का ऋण उठाया है। किसानों को नकद राशि के साथ खाद भी बतौर ऋण दिया जाना है। सहकारी क्षेत्र के लिए पौने तीन लाख मीट्रिक टन खाद का भंडारण किया गया है। किसानों ने अब तक 66 हजार मीट्रिक टन खाद उठाया है। राज्य सरकार ने इस खरीफ सीजन में किसानों  को 7 हजार 3 सौ करोड़ रुपए ऋण देने का लक्ष्य रखा है। किसानों को ऋण के रूप में नकद राशि और खाद दी जाती है।

सहकारी क्षेत्र के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार,  किसान खरीफ फसलों की तैयारी जुट गए हैं। 15 मई की स्थिति में किसानों  ने एक हजार करोड़ रुपए का ऋण उठाया है। सहकारी सिस्टम से किसानों को देने के लिए पौने तीन लाख मीट्रिक टन खाद का भंडारण किया गया है। इसमें यूरिया, एपीके, एनपीके, सुपर फास्फेट और पोटास खाद शामिल है। इसी तरह सहकारी क्षेत्र के लिए बीज का भंडारण भी किया गया है। राज्य में खरीफ सीजन में अधिकांशतः धान की खेती की जाती है इसलिए सबसे अधिक भंडारण धान के बीज का किया गया है। 75 हजार क्विंटल धान के बीज साथ कोदो, कुटकी रागी के बीज भी सोसाइटियों में उपलब्ध कराए गए हैं। 

समितियों से खाद का वितरण प्रारंभ

कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में 25 लाख से अधिक पंजीकृत किसान है। किसानों को खाद के वितरण के लिए 2058 सोसायटियां हैं। अभी यूरिया का जितना भंडारण हुआ है, उसका 18728 टन वितरण हो गया है। बोनी शुरू होते ही किसानों को खाद की समस्या से जूझना पड़ सकता है। वैसे अभी रैक आने पर जून से पहले यूरिया का पूरा भंडारण करवा का प्रयास किया जा रहा है। आने वाले समय में खाद का मंडारण लक्ष्य के अनुरूप करने का प्रयास हो रहा है। 

बीज निगम में भी 6 लाख टन धान के बीज

बीज निगम के अधिकारियों ने बताया कि खरीफ सीजन को देखते हुए खाद के साथ ही बीज का मंडारण भी किया जा रहा है। प्रदेश में कुल 6 लाख 88 हजार टन बीज की उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। लक्ष्य के मुकाबले 6 लाख 60 हजार बीज का भंडारण किया जा चुका है। सहकारी समितियों में 1 लाख 40 हजार टन बीज का भंडारण किया जा चुका है। यहां पर किसानों को बीज का वितरण शुरू किया जा चुका है।