रायपुर। गुरुवार को छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विधानसभा में वर्ष 2024-25 के लिए प्रदेश का बजट पेश किया। यूं तो बजट में हर वर्ग और प्रदेश के हर क्षेत्र पर फोकस किया है, लेकिन सबसे ज्‍यादा बजट शिक्षा विभाग को मिला है। वित्‍त मंत्री ओपी चौधरी ने स्‍कूल शिक्षा विभाग को 21 हजार करोड़ रुपये दिया है। वहीं, उच्‍च शिक्षा विभाग के लिए 1333 करोड़ और कौशल विकास के लिए 690 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया है। इसके बाद सबसे ज्यादा पैसे कृषि सेक्टर को मिला है। और किस विभाग को कतना हिस्सा मिला... देखिए सूची..

शिक्षा क्षेत्र

स्कूल शिक्षा विभाग  - 21489

उच्च शिक्षा विभाग - 1333

कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार - 690

कृषि एवं संबद्ध सेवा क्षेत्र

कृषि विकास एवं किसान कल्‍याण विभाग  - 13435

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग  - 6428

पशुपालन विभाग  - 620

मत्‍स्‍य पालन विभाग  - 237

ग्रामीण क्षेत्र

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग - 17529

ग्रामोद्योग विभाग - 266

अधोसंरचना क्षेत्र

लोक निर्माण विभाग - 8017

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग - 5048

जल संसाधन विभाग - 3166

स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र

लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण - 7552

चिकित्‍सा शिक्षा विभाग - 2663

अन्‍य प्रमुख विभाग

ऊर्जा विभाग - 8009

गृह विभाग - 7570

नगरीय प्रशासन विभाग - 6044

महिला एवं बाल विकास विभाग - 5683

व‍न विभाग - 3281

आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग - 2953

फंडामेंटल स्ट्रैटेजिक 10 पिलर्स की पहचान 

अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि, इन 5 सालों के लिए हम महत्वाकांक्षी लक्ष्य रख रहे हैं। हम जीडीपी को 5 साल में 10 लाख करोड़ तक हम पहुंचाना चाहते हैं। इसे प्राप्त करने के लिए हमने आधारभूत रणनीतिक स्तंभ के रूप में फंडामेंटल स्ट्रैटेजिक 10 स्तंभों की पहचान की है। उन्होंने बताया कि, हमारा पहला पिलर होगा इकोनॉमिक डेवलपमेंट। हमारे आर्थिक विकास का केंद्र बिंदु होगा ज्ञान। दूसरा हमारा पिलर होगा तकनीक आधारित रिफॉर्म और सुशासन। आर्थिक विकास तीसरा पिलर होगा। तमाम चुनौतियों के बीच अधिक से अधिक पूंजीगत व्यय सुनिश्चित करना मैक्सिमम कैपेक्स चौथा पिलर होगा। प्राकृतिक संसाधनों का उचित इस्तेमाल पांचवा पिलर होगा।

'GYAN' को बताया आर्थिक विकास का केंद्र बिंदु

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि, हमारा जो पहला पिलर है, उसमें आर्थिक विकास का केंद्र बिंदु 'ज्ञान' होगा। नॉलेज तो होगा ही लेकिन इस ज्ञान का हमारा अर्थ है, जी अर्थात गरीब ए अर्थात युवा ए अर्थात अन्नदाता और न अर्थात नारी। ज्ञान के माध्यम से गरीब युवा अन्नदाता और नारी से हमारा आर्थिक विकास होगा। भारी मन से मुझे कहना पड़ रहा है कि पिछले 5 सालों में पिछली सरकार ने इन चारों समूहों के साथ अन्याय किया है। गरीबों का अधिकार छीना गया, यूरिया डीएपी की कालाबाजारी हुई। दो रुपए में गोबर खरीद कर गुणवत्ता विहीन कंपोस्ट जबरन बेचा गया। किसानों से कई तरह की लूट हुई। माता बहनों को इन्होंने 500 प्रति माह यानी साल का 6000 देने का वादा किया था, मगर किसी को 6 रुपए तक नहीं मिला।