महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। पर्यावरण सुधार के लिए वनों की कटाई को नियंत्रित करना बहुत आवश्यक है। संरक्षित क्षेत्रों में और आसपास के इलाकों में गश्ती बढ़ा दी है। अधिकारियों द्वारा राज्य के जंगल और वन्यजीव विभागों पर बारीकी से निगरानी की जा रही है। वन्यजीवों को संरक्षित करने की आवश्यकता है। यही कारण है कि, वन विभाग के मैदानी कर्मचारी जंगल में सर्चिग कर रहे हैं।
अधिकारी ने जंगल की सैर करने के साथ-साथ जंगल की सुरक्षा और व्यवस्था की जानकारी ली। वन संरक्षण के लिए जागरूकता भी आवश्यक है। वन संरक्षण के लिए हम जरूरी कदम उठा सकते हैं जैसे कि, बरसात के मौसम में सामुदायिक वानिकी के माध्यम से पौधों को बढ़ावा देना। जंगलों के रोपण और जंगलों के संरक्षण के लिए प्रचार और जागरूकता कार्यक्रम चलाने द्वारा वन क्षेत्र में वृद्धि करना। सरकार को गांवों में वन सुरक्षा समितियां बनाने और जागरूकता फैलाने और वनों की कटाई को रोकने के लिए काम करना चाहिए।
अधिक पेड़ लगाने की जरुरत
प्रदूषण से लोगों को बचाने के लिए लोगों को जंगलों के संरक्षण के साथ अधिक से अधिक पेड़ लगाने की जरूरत है। अगर इसे ध्यान में नहीं रखा गया तो सभी के लिए शुद्ध हवा और पानी प्राप्त करना मुश्किल होगा। वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन एवं जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं ने शासन समेत सामान्य लोगों की चिंताएं बढ़ा दी है। आज चारों ओर वनों को बचाने और अधिक से अधिक पेड़ लगाने का आह्वान सरकारी व निजी संगठनों समेत हर वर्ग के लोगों से की जा रही है। इस कड़ी में दरभा जंगल में सर्चिंग कर रहे मैदानी वन कर्मचारियों को एसडीओ ने जंगल एवं जंगल से संबंधित पेड़ पौधों एवं वन्यजीवों की गुणवत्ता कैसे वन को बचाना है इसकी जानकारी दी।
वन विभाग जंगल में कर रहा सर्चिंग
वन विभाग चित्रकोट के एसडीओ योगेश रात्रे ने क्षेत्र के रेंजर को निर्देश दिया कि मैदानी कर्मचारियों को जंगल में सर्चिंग करें, जिससे जंगल एवं वन्य जीवों को बचा सकें, जिससे काष्ठ और वन्यजीवों की तश्करी पर रोक लग सके।
लापरवाहों पर होगी कार्रवाई
वन विभाग के मंडलाधिकारी उत्तम कुमार गुप्ता ने जंगल एवं वन्यजीवों को बचाने के लिए जंगल में सर्चिंग करें। वे स्वयं भी सर्चिंग का अचानक निरीक्षण पहुंच रहे हैं। इसके लापरवाही करने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।