रायपुर। छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में ट्रिपल आईटी के सभागार में आयोजित वन्य जीव सप्ताह कार्यक्रम में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप शामिल हुए। वन विभाग 2-8 अक्टूबर तक मनाए जा रहे सह अस्तित्व से वन्य जीव संरक्षण सप्ताह थीम पर आधारित वन्य जीव सप्ताह के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में जन जागरूकता को लेकर आयोजन कर रहा है।
दरअसल वन विभाग 2-8 अक्टूबर तक मनाए जा रहे सह अस्तित्व से वन्य जीव संरक्षण सप्ताह थीम पर आधारित वन्य जीव सप्ताह के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में जन जागरूकता को लेकर विविध गतिविधियों का आयोजन कर रहा है। राज्य स्तर पर आयोजित विविध गतिविधियों और प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत और सम्मानित करने का कार्यक्रम वन विभाग द्वारा ट्रिपल आईटी में आयोजित हुआ।
प्रतिभागियों को किया सम्मानित
वन मंत्री केदार कश्यप ने इस मौके पर विजयी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार प्रदान करने के साथ ही उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। मंत्री कश्यप ने इस मौके पर वन्य जीव सप्ताह अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली रागिनी धु्रव को प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह और पुरस्कार राशि का चेक भेंट कर सम्मानित किया।
वन्य जीवों की सुरक्षा बेहद जरुरी
मंत्री कश्यप ने इस मौके पर अपने संबोधित करते हुए कहा कि, जिस तरह राज्य की जलवायु और भौगोलिक स्थिति अन्य स्थानों की तुलना में बेहतर है। हमारा राज्य बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित है। यहां के वन क्षेत्र वन्य जीवों के रहवास के लिए बेहद उपयुक्त है। प्राचीनकाल से ही हमारे वनवासियों भाईयों का वन्य जीवों से मित्रवत व्यवहार रहा है। वर्तमान परिस्थिति में इसमें बदलाव आया है। साथ ही उन्होंने वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए वन क्षेत्रों को संरक्षित और संवर्धित करने का आव्हान किया। उन्होंने नवा रायपुर के जंगल सफारी में सालभर पूर्व जन्मे 6 शावकों का क्रमशः ज्वाला, पृथ्वी, पंचमुख, मृजराज, केशरी और इन्द्रावती जैसे पौराणिक नाम रखने के लिए कहा।
जंगल सफारी की वार्षिक पुस्तिका का हुआ विमोचन
इस मौके पर मंत्री कश्यप ने अचानकमार टायगर रिजर्व का लोगो तथा कानन पेंडारी और जंगल सफारी की वार्षिक प्रतिवेदन पुस्तिका का विमोचन किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी धम्मशील गनवीर ने वन्य जीव सप्ताह के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वन्य जीवों के संरक्षण की स्थिति में सुधार होने के कारण इनकी संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि वन विभाग द्वारा बर्ड काउंट इंडिया, कलिंगा यूनिवर्सिटी और पक्षी मित्रों के सहयोग से बर्ड एटलस तैयार किया जा रहा है। 2 अक्टूबर से चल रहे वन्य प्राणी सप्ताह के तहत से जन जागरूकता के लिए निबंध, प्रश्नोत्तरी, भाषण, रंगोली, चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।