लीलाधर राठी-सुकमा। छत्तीसगढ़ के वनमंत्री केदार कश्यप ने नक्सलियों को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। मंगलवार को उन्होंने कहा कि, विष्णुदेव सरकार बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे को लेकर पुरी तरह से वचनबद्ध है। प्रदेश में शांति की बयार आये इस हेतु हर तरह के प्रभावी कदम उठाये जा रहे है जो कि अब धरातल पर दिखने लगा है। नक्सल मामले को लेकर राजनीति करने के बजाय इसके निराकरण पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को एनर्जी खर्च करनी चाहिऐ।
मंत्री श्री कश्यप आगे कहा कि, बस्तर में लगातार नक्सलियों के उपर बन रहे दबाव के बीच अब राजनीति भी शुरू हो गई है। एक ओर नक्सलवाद के खात्मे को लेकर भाजपा के मंत्री फ्रंट फुट पर आकर जवानों का हौसला बुलंद कर रहे हैं। तो दुसरी ओर नक्सल मामले को लेकर कांग्रेस कई मुठभेड़ो को फर्जी ठहराते हुए सरकार को घेर रही है। जिनका खुन बहा है वो ही दर्द को समझ सकता है। नक्सलियों के प़क्ष में राग न अलापे दीपक बैज। उनको मालूम होना चाहिए कि, किस तरीके से उनके ही कार्यकर्ता, उनके पदाधिकारी लगातार भाजपा नेताओं को धमकी देते रहे हैं।
विक्रम बैस की हत्यारे कांग्रेसी कार्यकर्ता
उन्होंने आगे कहा कि, नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा या पखांजुर क्षेत्र हो। नक्सली हमारे भाजपा जनप्रतिनिधियों को जान से मारने धमकी दे रहे हैं और तो और नारायणपुर की घटना जिसमें विक्रम बैस की मौत हुई है। इसके जो दोषी है वे कांग्रेसी कार्यकर्ता रह चुके हैं। एनएसयुआई के अध्यक्ष रह चुके हैं। पखांजूर की घटना को ना भूले। स्व. असीम राय जो हमारे नगर पंचायत के अध्यक्ष थे उनको मारने में कांग्रेस के पदाधिकारियों का हाथ रहा है। ये तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार है जो लगातार जांच पड़ताल कर रही है जो ऐसे जो दोषी लोग हैं। उनको जेल का रास्ता दिखा रही है। कानून से कोई बच नहीं सकता। दीपक बैज को शुक्रियादा करना चाहिए कि, सीएम विष्णुदेव साय जी की सरकार हमारे पूरे क्षेत्र को भय मुक्त बना रही है।
झीरम घाटी का सबूत निकालें भूपेश बघेल
मंत्री श्री कश्यप ने आगे कहा कि, झीरम घाटी का सबूत आखिर कब निकलेगा। घड़ियाली आंसु बहाने वाले पूर्व सीएम भुपेश बघेल पर जेब से जीरम का सबुत बाहर निकालने के लिये कब दबाव बनाने वाले है। श्री केदार ने कहा कि नक्सल घंटना जिस किसी के परिवार में हुई है उसे ही दर्द पता है। नक्सल मामले में राजनीति करने के बजाय दीपक बैज को बस्तर के दर्द और इतिहास को समझना होगा। नक्सलियों के द्वारा दिये गये दर्द को उन परिवारों के बीच जाकर महसुस करे। जिन्होने अपना पुत्र, भाई, बेटा और पति खोया है। आज भाजपा सरकार नक्सलवाद के खात्मे की ओर बढ़ रही है तो कांग्रेस को इसमे भी तकलीफ हो रही है।