फर्जीवाड़ा : सीबीआई का फर्जी अफसर बनकर 41 लाख की ठगी, गुजरात से दो गिरफ्तार 

सीबीआई का फर्जी अफसर बनकर लाखों रुपए की ठगी करने वाले दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ;

Update: 2025-04-05 06:27 GMT
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सीबीआई का फर्जी अफसर बनकर लाखों रुपए की ठगी करने वाले दो युवकों गिरफ्तार
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भिलाई। सीबीआई का फर्जी अफसर बनकर लाखों रुपए की ठगी करने वाले दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने धारा 318(4), 3(5) बीएनएस, आईटी एक्ट के तहत जुर्म दर्ज किया गया है। पुलिस ने मनीष दोषी और अशरफ खान को गुजरात से पकड़ा है। आईपीएस चिराग जैन व डीएसपी क्राइम अजय सिंह ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि एलआईजी 512 हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी बघेरा दुर्ग निवासी फरिहा अमीन कुरैशी के मोबाइल पर दिल्ली पुलिस के नाम से एक वीडियो कॉल आया। इसमें कॉल करने वाले ने स्वयं को दिल्ली का सीबीआई अफसर बताया। उन्होंने बताया कि संदीप कुमार नामक व्यक्ति के खिलाफ मनी लॉड्रिग, ड्रग तस्करी समेत अन्य अपराध की जांच चलने की बात कही थी। फिर संदीप कुमार के पास से 180 बैंक खाते मिलने की जानकारी पीड़िता को दी गई। इसमें  एक बैंक खाता पीड़िता के नाम का एचडीएफसी बैंक दिल्ली का होना बताया गया। उक्त खाते से 8.7 करोड़ रुपए जमा होने की जानकारी दी गई। 

सीबीआई के फर्जी अफसर ने पीड़िता को बताया कि,  संदीप कुमार के पूछताछ में सभी खाता धारकों ने उससे 10 प्रतिशत हिस्सा लिया था। इस दौरान पीड़िता ने फर्जी अफसर दिल्ली को मना किया। मगर उसने विवरण लेकर तुरंत दिल्ली आकर बयान देने का झांसा दिया। फिर ऑनलाइन बयान लेने के लिए दबाव बनाया गया। ऐसा नहीं करने पर उनकी गिरफ्तारी का डर भी दिखाया गया। पीड़िता से ऑनलाइन आईपीएस सुनील कुमार गौतम नामक व्यक्ति का परिचय कराया गया। पूछताछ कर बयान लिया गया।

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पैसा निकालते समय का मिला वीडियो

आरोपी का वीडियो फुटेज भी पैसा निकालते समय बैंक का सायबर सेल भिलाई को मिला है। जिसकी गिरफ्तारी की गई, आरोपी मनीष दोसी से पूछताछ करने पर अन्य आरोपी सुरेन्द्रनगर गुजरात निवासी असरफ खान के बारे में बताया है। आरोपी असरफ खान का मोबाइल चेक करने पर क्रिप्टो करेंसी से जुडे एप्प दिखने पर पूछताछ की गई।

अंगडिया ग्रुप करता था हवाला 

पुलिस ने बताया कि,  दोनों आरोपियों द्वारा साइबर ठगी से मिलने वाली रकम को क्रिप्टो करेंसी में लगाकर दुबई अंगडिया के माध्यम से रकम हवाला किया जाता था। भारतीय स्टेट बैंक गंजपारा दुर्ग से अलग-अलग समय पर आरोपियों द्वारा पीड़िता को डरा धमका कर 41 लाख रुपए का आरटीजीएस के माध्यम से आरबीआई इण्डिया में जमा कराए गए। शिकायत के बाद थाना प्रभारी विजय कुमार यादव के नेतृत्व में सायबर सेल भिलाई से जानकारी मिली कि 9 लाख 50 हजार रुपए 29 जनवरी 2025 को राजकोट नागरिक सहकारी बैंक ब्रांच मोरबी गुजरात के आस्था लांजिस्थ संस्था के नाम से संचालित खाते में उक्त रकम ट्रांसफर हुआ। खाता का संचालक आरोपी नक्षत्र अपार्टमेन्ट 05 फलोर फ्लैट नं. 504 सनाडा रोड़ मोरबी थाना मेरबी सिटी ए डिविजन जिला मोरबी, गुजरात निवासी मनीष दोसी राजकोट गुजरात का होना पाया गया है।

आरोपी न्यायालय पेश किए गए 

आरोपियों से पुलिस ने कार जीजे 13 एआर 2422, नोट गिनने की मशीन, चार चेक बुक, लैपटाप, तीन मोबाइल, आधार कार्ड जब्त किया गया। न्यायालय मोरबी, न्यायालय सुरेन्द्र नगर गुजरात से ट्रांजिस्ट रिमांड आरोपियों का लेकर पुलिस सिटी कोतवाली दुर्ग पहुंची। आरोपियों को न्यायालय दुर्ग में पेश किया गया। कार्रवाई में दुर्ग कोतवाली प्रभारी विजय यादव समेत उनकी टीम का योगदान रहा है।
 

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