महिला की अनूठी पहल : न्याय मांगने के लिए राष्ट्रपति को खून से लिखा पत्र

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गरियाबंद जिले से एक अनोखा और मार्मिक मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।

गोरेलाल सिन्हा -गरियाबंद। गरियाबंद जिले से एक अनोखा और मार्मिक मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। जमीन विवाद से वर्षों से जूझ रही एक बुजुर्ग महिला ने जब स्याही से लिखे आवेदन पर कोई सुनवाई नहीं होते देखी, तो उसने अपने खून से राष्ट्रपति को पत्र लिख डाला। यह पत्र अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

मामला छुरा क्षेत्र की रहने वाली 70 वर्षीय ओम बाई बघेल का है, जो टीबी जैसी गंभीर बीमारी से भी जूझ रही हैं। ओम बाई ने बताया कि उनकी पुश्तैनी जमीन में वर्षों से रिवाज के अनुसार पूर्वजों की समाधि (मठ) बनी हुई थी। लेकिन छुरा निवासी संतोष सारड़ा ने उस जमीन पर कब्जा कर लिया और पूर्वजों का मठ भी तोड़वा दिया।

अन्य आरोपों की जांच जारी : एसडीओपी

एसडीओपी निशा सिन्हा ने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा विधिवत कब्जा दिलाया गया था और उस दौरान पुलिस बल मौजूद था। सोशल मीडिया में जो आरोप लगाए गए हैं, उनकी जांच की जा रही है। यदि जांच में आरोप प्रमाणित होते हैं, तो विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।

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प्रशासन ने कहा- "कब्जा दिलाया, मठ टूटा इसकी जानकारी नहीं"

मामले पर छुरा तहसीलदार ने कहा कि यह भूमि विवाद पिछले तीन वर्षों से न्यायालय में लंबित था, जिसमें फैसला संतोष सारड़ा के पक्ष में आया है। राजस्व प्रावधानों के तहत उसे कब्जा दिलाया गया। मठ तोड़े जाने की घटना के बारे में तहसीलदार ने कहा कि प्रशासन के लौटने के बाद क्या हुआ, इसकी जानकारी नहीं है।

खून से लिखा न्याय का पत्र, वायरल हो रही बुजुर्ग की पुकार

जब कलेक्टर, एसपी और जिले के तमाम जिम्मेदार अफसरों से शिकायत के बाद भी राहत नहीं मिली, तो पीड़िता ने अपनी पीड़ा को खून से लिखकर पत्र को राष्ट्रपति के नाम स्पीड पोस्ट किया। वायरल हो रहे पत्र और रोते हुए वीडियो में ओम बाई ने बताया कि कब्जा दिलाने के बाद जब प्रशासन लौट गया, तो उनके साथ लगातार दुर्व्यवहार किया गया और महिलाओं का अपमान हुआ।

नए कलेक्टर से है उम्मीद

इधर, जिले के नए कलेक्टर भगवान उईके ने दीपक अग्रवाल से पदभार ग्रहण किया है। पीड़िता को अब नए कलेक्टर से न्याय की उम्मीद है।

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