रायपुर- अक्सर आपने देखा होगा शादी होने के बाद तो महिलाएं नौकरी जारी रख लेती हैं। लेकिन बच्चों के बाद ऐसा करना मुश्किल हो जाता है। आज भी भारत में बच्चा होने के बाद उसे संभालने की जिम्मेदार एक महिला पर ही होती है। ऐसे में ज्यादार महिलाएं पहली प्राथमिकता अपने बच्चे को देने की वजह से कई सालों तक नौकरी नहीं कर पाती और जब तक वो वापस जॉइन करने की सोचती हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। लेकिन अब छत्तीसगढ़ में वर्किंग मदर्स के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी बनाई जाएगी। यानी काम करने वाली महिलाएं अपने बच्चों को आंगनबाड़ी में छोड़कर जा सकती हैं। इसके लिए महिला बाल विकास की ओर से केंद्रों में झूलाघर बनवाया जाएगा। केंद्रों में 1500 झूलाघर बनाए जाएंगे।
सचिव शम्मी आबिदी ने दिए निर्देश...
आपको बता दें, महिला बाल विकास विभाग की सचिव शम्मी आबिदी ने दिशा-निर्देश दिए हैं। जिसके आधार पर महिलाएं अपने 6 महीने से लेकर 6 साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी में छोड़कर अपना कार्य जारी रक सकती हैं।
गांव-गांव में आंगनबाड़ी केंद्र अपडेट होंगे...
सबसे पहले गांवों में सर्वे कराकर बच्चों को चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद आंगनबाड़ी केंद्र अपडेट किए जाएंगे।
कुपोषित बच्चों की देखरेख...
कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार देने को कहा गया है। पोषण ट्रैकर पोर्टल के जरिए निगरानी करने के लिए भी कहा गया है। इस योजना के तहत गंभीर बीमारी, दिल की बिमारी, मानसिक रूप से दिव्यांग, कटें-फटे होंठ वाले और अन्य बीमारियों से प्रभावित बच्चों के इलाज की व्यवस्था करवाई जाएगी।
डोर-टू-डोर सर्वे किया जाएगा...
पीएम जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों का डोर-टू-डोर सर्वे कर किया जाएगा। सभी आंगनबाड़ी केंद्र में साफ-सफाई करवाई जाएगी। साथ पोषण वाटिका तैयार किया जाएगा। जहां पोषण वाटिका तैयार होगा, वहां बच्चों को पौष्टिक सब्जियां दी जाएंगी।