रायपुर। छत्तीसगढ़ के सभी गांवों में लगे सरकारी नल अब ग्राम पंचायतों के हवाले होंगे। गांवों में नल के कनेक्शन पर हर महीने 60 रुपए शुल्क देना होगा। यही नहीं, अगर किसी ने पीने के पानी दुरुपयोग किया, तो उसका कनेक्शन कटेगा, साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा। राज्य में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने यह व्यवस्था लागू करने के लिए नियम बना लिए हैं। इन नियमों पर सात दिनों के अंदर दावा आपत्ति ली जाएगी। इसके बाद यह नियम लागू हो जाएगा।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने यह व्यवस्था लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ ग्रामीण पेयजल संचालन एवं संधारण नियम 2024 बनाया है। यह नियम ग्राम पंचायत क्षेत्र के अधीन सभी गांवों, बसाहटों, पारों, मजरों, टोलों और मोहल्ले में रहने वाले परिवार पर लागू होंगे। गांव में रहने वाले व्यक्ति, संस्था जो अपनी पेयजल की जरूरतों के लिए शासन, ग्रामीण स्थानीय निकाय द्वारा दिए जाने वाले नल कनेक्शनधारी हैं, वे सभी इस नियम के तहत उपभोक्ता होंगे।
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60 रुपए महीना, एक साल बाद 25 प्रतिशत रेट बढ़ेगा
गांवों में ग्रामीण पेयजल व्यवस्था लागू होने के बाद घरेलू कनेक्शन के लिए घरेलू हाउस होल्ड कनेक्शन या शासकीय संस्थाओं को भी 60 रुपए महीना जल प्रभार देना होगा। यह नहीं अगर गांव में किसी के घर शादी ब्याह या अन्य कार्यक्रम के लिए टैंकर लगता है तो उसके लिए एक हजार रुपए टैंकर देना होगा। ग्राम पंचायतें सालभर बाद जल प्रभार में संशोधन कर इसे 25 प्रतिशत तक बढ़ा सकती हैं। नए घरेलू कनेक्शन के लिए 120 रुपए देने होंगे।
पानी के दुरुपयोग पर जुर्माना और शास्ति
इस नियम में यह प्रावधान है कि अगर कोई उपभोक्ता पीने के पानी का दुरुपयोग करता है, तो उस पर जुर्माना लगेगा। यही नहीं, उसका कनेक्शन भी काटा जाएगा। यही नहीं, गांव की जानकारी में जिस दिन ये बात आएगी कि उपभोक्ता ने बूस्टर पंप से पानी खींचा और पीने के पानी दुरुपयोग किया, तो उस दिन से समिति पहले दिन दैनिक दर प्रभार का 10 गुना प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाएगी। पंप को हटाया जाएगा और नोटिस जारी किया जाएगा। नोटिस के 48 घंटे बाद भी यदि पंप को हटाया नहीं गया, तो जुर्माने के साथ नल कनेक्शन काट कर पंप भी जब्त करने का काम करेगी।
गांवों में बनेगी समिति
ग्रामीण नल जल प्रदाय योजना के संचालन के लिए प्रबंधन समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति ग्राम पंचायत की स्थायी समिति के अंतर्गत गठित सामान्य प्रशासन समिति होगी जो अपने दायित्वों के साथ साथ जल जीवन मिशन, अन्य शासकीय योजना या शासकीय मदों से बने एवं हस्तांतरित स्थानीय निकायों के, स्वयं के राजस्व निकायों के, स्वयं के राजस्व से निर्मित परिसंपत्तियां एवं उनके द्वारा प्रदाय किए जा रहे ग्रामीण पेयजल योजना के संचालन एवं संधारण का काम करेंगी। यही समिति नलों के पानी के दुरुपयोग और पंप लगाने वालों पर भी नजर रखेगी।