कोरिया जिले में बाघ का खौफ : गांव के करीब आने से ग्रामीणों में डर, दो मवेशियों का कर चुका है शिकार

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बाघ गांवों में जाकर पशुओं का शिकार कर रहा है
छत्तीसगढ़ के सबसे उत्तर-पश्चिमी छोर पर स्थित गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान से लगते गांवों में पिछले कुछ दिनों से बाघ लगातार विचरण कर रहा है। इससे गांवों में दहशत है। 

रविकांत सिंह राजपूत- कोरिया। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के टेमरी और उसके आसपास के क्षेत्रों में बाघ के विचरण ने ग्रामीणों में दहशत है। 18 अक्टूबर से लगातार बाघ इन इलाकों में देखा जा रहा है। बाघ ने इस दौरान दो मवेशियों का शिकार भी किया है। एक गाय और एक भैंस को बाघ ने मार डाला है। यह क्षेत्र गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के पास पड़ता है, जिसे टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि, बाघ का बार-बार गांव के नजदीक आना अब गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है।

बाघ का लगातार दिखना और मवेशियों पर हमला

ग्रामीणों के मुताबिक, बाघ टेमरी के पास वन विभाग के कक्ष क्रमांक 427, 428 और 429 में लगातार देखा गया है। वह पिछले कई दिनों से इसी क्षेत्र में अपना डेरा जमाए हुए है, जिससे लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। कई ग्रामीणों ने इस संबंध में वन विभाग को जानकारी दी है और सुरक्षा की मांग की है।

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बाघ के हाव-भाव पर नजर रखे हुए है वन विभाग

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के एसडीओ अखिलेश मिश्रा ने बताया कि बाघ द्वारा अब तक दो मवेशियों का शिकार किया गया है। उन्होंने पुष्टि की है कि, 18 अक्टूबर से लगातार बाघ को इस इलाके में देखा जा रहा है। मिश्रा ने ग्रामीणों से अपील की है कि, वे सतर्क रहें और रात के समय घर से बाहर न निकलें। वन विभाग ने ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए कई कदम उठाए हैं और बाघ के हाव-भाव पर नजर रखी जा रही है।

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विभागीय कदम पर सवाल

ग्रामीण शिव मोहन का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। बाघ का लगातार इस क्षेत्र में आना और मवेशियों पर हमला करना उनके लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। कई ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द बाघ को इस क्षेत्र से हटाने के प्रयास किए जाएं ताकि उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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