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बलौदाबाजार जिले के ग्राम रोहाशी में अवैध रूप से संचालित क्लीनिक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारकर बंगाली क्लीनिक को बंद कर दिया है। 

कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने झोलाछाप डॉक्टरों और बिना पंजीयन क्लीनिक चलाने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एसडीएम और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरूवार को औचक निरीक्षण कर अवैध रूप से संचालित बंगाली क्लीनिक में दबिश दी और काफी संख्या मेें इंजेंक्शन, अंग्रेजी दवाइयाँ जप्त की गई। इसके बाद बंगाली क्लीनिक को सील कर दिया है।

यहां देखिए पत्र 

बताया जा रहा है कि, जिले के ग्राम रोहाशी में लंबे समय से अवैध रूप से क्लीनिक संचालित हो रहा था। डॉक्टर ए, के, दास BAMS की डिग्री लेकर मरीजों का एलोपैथिक से इलाज कर रहे थे। इसकी जानकारी मिलते ही एसडीएम और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरूवार को क्लीनिक में दबिश दी और काफी संख्या मेें इंजेंक्शन, अंग्रेजी दंवाई जप्त की गई। बंगाली क्लीनिक को सील कर दिया है।   फ़िलहाल  एसडीएम और स्वास्थ्य विभाग की टीम जाँच कर रही है।  

झोलाछाप डॉक्टर की दुकान बंद, गांव में क्लिनिक खुलते ही कलेक्टर से की शिकायत

वहीं कुछ दिन पहले ही धमतरी जिले में गुरूवार को कलेक्टर जनदर्शन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में लगातार झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत मिल रही थी। इसके बाद जांच टीम ने कार्रवाई कर गांव गाड़ाडीह में अवैध रूप से संचालित क्लिनिक में दबिश दी। औचक जाँच के दौरान चिकित्सक के पास इंजेक्शन, एलोपैथिक दवाइयां पाई गई। एलोपैथी पद्धति से मरीज़ के उपचार के लिए वांछित डिग्री दस्तावेज नहीं था। जिससे शिकायतकर्ता की शिकायत की पुष्टि हुई।

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 जांच ने टीम ने किया सील

मिली जानकारी के अनुसार, रविलाल देवांगन पिता प्रेमलाल देवांगन ने अपने गांव में अवैध रूप से संचालित क्लिनिक के खिलाफ जनदर्शन में शिकायत की। शिकायत में बताया कि, ग्राम गाड़ाडीह (आर) भखारा में रामहरि सिन्हा पिता श्रवण सिन्हा अवैध रूप से क्लिनिक संचालित कर रहा है। मरीजों को इंजेक्शन लगाने, बाटल चढ़ाने और रामहरि सिन्हा खुद को पेशावर डॉक्टर बताकर मरीजों का इलाज कर रहे थे। इसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी ने जांच टीम गठित कर  कार्रवाई की और  गांव गाड़ाडीह में अवैध रूप से संचालित क्लिनिक में दबिश दी। औचक जाँच के दौरान चिकित्सक के पास इंजेक्शन, एलोपैथिक दवाइयां पाई गई।  एलोपैथी पद्धति से मरीज़ के उपचार के लिए वांछित डिग्री दस्तावेज नहीं था। जिससे शिकायतकर्ता की शिकायत की पुष्टि हुई। 

अवैध रूप से संचालित क्लिनिक को किया सील

इसी के आधार पर मौके पर ही जाँच दल ने ग्रामीण और चिकित्सक की उपस्थिति में संचालित क्लिनिक को सीलकर बंद किया। जांच टीम ने कहा कि, भविष्य में ऐसे कृत्य नहीं किए जाने की समझाइश दी गई। किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटित न हो। उन्होंने ने कहा कि, ऐसे अपंजीकृत चिकित्सक जो नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन करते हुए घर-घर जाकर और क्लिनिक लैब हॉस्पिटल संचालित कर अवैध रूप से प्रैक्टिस कर रहे है उनके खिलाफ निरंतर की जा रही है।

 

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