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जशपुर में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटने के चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।

मयंक शर्मा-कोतबा- जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में बीते 48 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदी नालों में उफान आने के कारण कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। पुलिया के बह जाने से आवागमन भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। भारी बारिश के चलते कई गांव टापू बनने की कगार पर पहुंच गई है। 

दरअसल जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण बगीचा ब्लाक में सबसे बुरी स्थिति देखने को मिल रही है। यहां का कलिया गांव टापू बनने के कगार पर पहुंच गया है। गायलूंगा में भारी बारिश और बाढ़ से 3 पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई है। साथ ही मिट्टी के बहाव से सड़कें टूट गई है। जिस कारण कई मार्गों पर आवागमन बाधित हो गया है। बारिश के पानी के तेज बहाव से टूटी सड़क और पुलिया के किनारों पर मिटटी के कटाव होने से स्थिति भयावह हो गई है। बगीचा मुख्यालय जोड़ने वाली सिकटा नाला पर बने पुलिया की मिटटी और सड़क भी बह गया है। 

आम जनजीवन प्रभावित 

बादलखोल अभ्यारण्य के मिट्टी मार्ग से बच्छरांव जाने वाले दोनों नालों में  पुलिया न बनाकर रपटा बनाया गया है। जिसमें बारिश का पानी भर गया है जिसके कारण  ग्रामीणों सहित छात्र छात्राओं को स्कूल जाना भी मुश्किल हो गया है। चारो ओर पुलिया सड़क और नाले में पानी भरा होने के  कारण गाड़ियों की आवागमन बंद हो गया है। पुलिया टूट जाने से लोगों को काफी कठिनाई‎ हो रही है।

heavy rainfall
नदी नालों में उफान के कारण लोगों को आने-जाने में हो रही परेशानी

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ग्रामीणों ने पुल रिपेयरिंग की मांग की 

ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर प्रशासन से गुहार लगाई है। उनका कहना है की भारी बारिश से डैमेज हुए सड़क और पुलिया की रिपेयरिंग जल्द होनी चाहिए। ताकि आवागमन सुचारु रुप से चालू हो सके। क्षतिग्रस्त होने के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।  सर्वे कराकर टूटी सड़कों और पुलों का युद्ध‎स्तर पर निर्माण और मरम्मति कराई जाए।  ताकि जिला सहित ब्लाक मुख्यालय आना- जाना हो सके।

तहसीलदार ने कोटवारों की लगाई ड्यूटी 

बगीचा तहसीलदार को मार्ग की पुलिया, सड़क क्षतिग्रस्त होने की जैसे ही सूचना मिली उन्होंने तत्काल  कोटवारों की ड्यूटी पुलिया के पास लगा दी है। ताकि किसी भी खतरे से निपटा जा सके। तहसील के तीन भारी बारिश में एक टापू बन गए हैं। अब देखना यह होगा की शासन, प्रशासन कितनी ततपरता दिखाता है। 


 

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