बिलासपुर। बाएं पैर का ऑपरेशन कराने गई महिला का दाहिना पैर ऑपरेट कर दिया गया। गंभीर रूप से पीड़ित और परेशान याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली है। मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय की सिंगल बेंच ने इसे गंभीरता से लेकर जांच समिति, डायरेक्टर किम्स, डायरेक्टर आर बी हॉस्पिटल और डॉ. लालचंदानी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
• जांच समिति, डायरेक्टर किम्स, डायरेक्टर आर बी हॉस्पिटल और डॉ. लालचंदानी को नोटिस
बिलासपुर निवासी शोभा शर्मा के बाएं पैर में पहले से तकलीफ थी। उन्होंने पहले स्थानीय किम्स हास्पिटल में अपना उपचार कराया। यहां सलाह दी गई कि आपके पैर का ऑपरेशन ही करना होगा, उसके बाद ही यह पूरा ठीक होगा। चिकित्सकीय सलाह के बाद इनके पति रितेश शर्मा ने इन्हें आरबी हॉस्पिटल में ऑपरेशन होना था। ऑपरेशन के बाद जब याचिकाकर्ता को ऑपरेशन थियेटर से बाहर लाया गया, तब मालूम हुआ कि बाएं की बजाय दाहिने पैर को ऑपरेट कर दिया गया है। परिजन ने जब इस पर आपत्ति जताई तब इसी अस्पताल में दाहिने पैर की भी सर्जरी कर दी गई। इसकी शिकायत बाद में जिला कलेक्टर से की गई। प्रशानिक स्तर पर कोई मदद नहीं मिली, न ही दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। पीड़ित शोभा शर्मा ने इसके बाद एडवोकेट आनंद मोहन तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट में जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई।
कोर्ट ने मांगा जवाब
सुनवाई के बाद कोर्ट ने मामले में हुई लापरवाही पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार की जांच समिति, कलेक्टर चिलासपुर, आरची हॉस्पिटल सिम्स, और डॉक्टर लालचंदानी को नोटिस जारी कर जवाच तलच किया है। ज्ञात हो कि इस मामले में शिकायत सामने आने के बाद सिम्स के प्रोफेसर डा. ओपी राज की अध्यक्षता में एक जांच समिति बताई गई है। डा राज चूंकि सर्जरी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर पदस्थ हैं. इसलिए इन्हें ही पूरे मामले की जांच करती है।