गिरीश केशरवानी- रायपुर। 2019 के पहले की गाड़ियों के नंबर बदले जाएंगे। नई हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगाना अनिवार्य है और इसके लिए तीन कंपनियां भी तय हो चुकी हैं। इन कंपनियों का काम भले ही शुरू नहीं हुआ हो, पर शहर में फर्जी प्लेटों का धंधा चल निकला है। गुरुवार को हरिभूमि ने नंबर प्लेट लगाने वाली कई दुकानों में सौदेबाजी की। कई जगह 300 रुपए में दुकानदार हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने तैयार हो गए। उन्होंने यह भी दावा कि नई नंबर प्लेट निर्धारित मापदंडों के अनुरूप है। दस्तावेज की जरूरत पूछे जाने पर दुकान संचालकों ने बगैर दस्तावेज के नंबर प्लेट लगाए जाने की बात कही।

अनाधिकृत लोगों द्वारा एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाए जाने के सवाल पर अतिरिक्त परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर ने कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। अफसर के अनुसार अनाधिकृत व्यक्ति किसी भी हाल में एचएसआरपी प्लेट नहीं लगा सकता। अफसर के अनुसार छत्तीसगढ़ में एचएसआरपी नंबर लगाने मेसर्स रियल मेजान इंडिया लिमिटेड तथा रोसमेर्टा सेफ्टी सिस्टम लिमिटेड को एचएसआरपी लगाने ठेका दिया गया है। ये दोनों कंपनी अपने निर्धारित एजेंट के माध्यम से एचएसआरपी लगा सकती हैं।

एचएसआरपी के बारे में यह जानना जरूरी

▶ हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को एल्यूमीनियम धातु से बनाया जाता है।
▶ इस पर नीले रंग में अशोक चक्र और क्रोमियम होलोग्राम होता है।
▶ प्लेट पर नीचे की ओर 10 अंकों की स्थायी पहचान संख्या होती है।
▶ इस पर अंग्रेजी में इंडिया लिखा होता है।
▶ यह प्लेट गाड़ी के इंजन नंबर, चेसिस नंबर आदि की जानकारी के आधार पर लगाई जाती है।
▶अगर किसी वाहन की हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट खराब है या नियमानुसार नहीं लगाई गई है, तो मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 10 हजार रुपये का चालान हो सकता है।
▶ अप्रैल 2019 के बाद खरीदे गए वाहन में पहले से ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगी होती है।

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कार्रवाई करने की जरूरत

रोसमेर्टा के नेशनल ऑपरेशनल हेड अशोक शर्मा के मुताबिक,  नंबर प्लेट लगाने का काम करने वाला अगर कोई दुकानदार एचएसआरपी लगाने का दावा करता है, तो वह पूरी तरह से गलत है। ऐसे लोगों को चिन्हांकित कर परिवहन विभाग के अफसरों को कार्रवाई करनी चाहिए। कंपनी के अफसर के मुताबिक नकली एचएसआरपी लगाने वालों के खिलाफ जबलपुर, भोपाल तथा होशंगाबाद में पिछले दिनों कार्रवाई की गई है।

नकली को ऐसे पहचानें

नकली एचएसआरपी में क्रोमियम आधारित होलोग्राम नहीं होता। इसके साथ ही स्थायी पहचान संख्या नहीं होती। नंबर प्लेट रेट्रो रिफ्लेक्टिव शीट होने की वजह से दो सौ मीटर दूर से नंबर प्लेट नजर आएगी, जो आसानी से कैमरे में कैद हो सकती है। इसके साथ ही ओरिजनल एचएसआरपी को लगाने फ्लैप का उपयोग किया जाता है, जो स्थायी रूप से वाहन में चिपक जाता है, जबकि नकली एचएसआरपी को नट बोल्ट से कसा जाता है।

लाखेनगर इलाके का दुकानदार

■ हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना है
      दुकानदार- लग जाएगा

■ कितना लगेगा
दुकानदार- साढ़े तीन सौ

■ कीमत को लेकर मोलभाव करने पर
दुकानदार- दो सौ चालीस रुपए दे देना

दस्तावेज में क्या लगेगा
दुकानदार- आरसी बुक, गाड़ी के कागजात

■ अभी दोनों नहीं है
दुकानदार - बाद में दे देना अभी नंबर प्लेट लगा देता हूं

पचपेड़ी नाका इलाके का दुकानदार

■ हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना है
   दुकानदार- लग जाएगा

■ क्या कागजात लगेंगे
दुकानदार- कुछ नहीं लगेगा

■ कितना लगेगा
दुकानदार- 280 रुपए

■ कुछ कम हो सकता है
दुकानदार- इससे कम नहीं होगा

■ पेमेंट अभी देना पड़ेगा
दुकानदार- आधा पैसा अभी दे दे, बाकी नंबर प्लेट आने के बाद देना

▶ नंबर प्लेट ओरिजनल तो रहेगी न 
दुकानदार- ओरिजनल रहेगी

▶ एजेंसी वाले ज्यादा ले रहे हैं ऐसा क्यों 
दुकानदार- उनको आरटीओ का चक्कर लगाना पड़ता है, दस्तावेज लगाना पड़ता है, इसलिए महंगा पड़ रहा है।