जगदलपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शहर के प्रियदर्शिनी इंदिरा स्टेडियम में नक्सलियों को ललकारते हुए कहा कि सरेंडर कर मुख्यधारा में शामिल हो जाओ अन्यथा नक्सल समस्या के खात्मा के लिए फोर्स तैयार है। अपने भाषण में पूर्व कांग्रेस सरकार पर हमला करते उन्होंने कहा कि उनके समय नक्सल समस्या में काफी वृद्धि हुई, लेकिन अब खून खराबा बस्तर में नहीं चलेगा।
बस्तर ओलंपिक के समापन में आया हूं, आज बस्तर बदल रहा है, लेकिन आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं 2026 के बस्तर ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में आऊंगा और कहूंगा कि बस्तर बदल चुका है। बस्तर ओलंपिक केवल 1 लाख 65 हजार लोगों की खेल प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समूचे बस्तर के उम्मीदों की पहचान बनने वाला है। उन्होंने मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन के संकल्प को दोहराया।
बस्तर ओलंपिक नक्सलवाद के ताबूत में अंतिम कील ठोकने का काम करेगा
अमित शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक नक्सलवाद के ताबूत में अंतिम कील ठोकने का काम करेगा। बस्तर ओलंपिक लाखों आदिवासी युवाओं को गलत रास्ते में जाने से रोकेगा और उन्हें भारत निर्माण से जोड़ेगा। शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक क्षेत्र में शांति सुरक्षा और विकास की नई नींव डालने वाला है। बस्तर बदल रहा है, से बस्तर बदल गया, के यात्रा की शुरूआत इस ओलंपिक ने की है। उन्होंने कहा कि दुनिया में जब भी भारत को किसी स्पर्धा में मेडल मिलता है तो उसमें से आधे मेडल हमारे आदिवासी बच्चें लेकर आते हैं। खेलों की और विकास की जो आज शुरूआत हुई है, वह आने वाले दिनों में बस्तर के आदिवासी बच्चों के लिए विश्व भर के लिए रास्ता खुलेगा। शाह ने नक्सलवाद को छोड़कर मुख्य धारा से जुड़ने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी।
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300 से अधिक युवा हुए शामिल
बस्तर ओलंपिक की सबसे खास बात ये रही कि इसमें 300 से अधिक शामिल हुए। फुटबॉल, वॉलीबॉल, कराटे, वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन, कबड्डी, आर्चरी, एथलेटिक्स, रस्साकसी, हॉकी और रिलेरेस शामिल है। इस मौके पर वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायक लता उसेंडी, किरण देव, नीलकंठ टेकाम, विनायक गोयल, आशाराम नेताम, जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप, छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग अध्यक्ष विश्व विजय सिंह तोमर, महापौर सफिरा साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि और केन्द्र शासन एवं राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा खेलप्रेमी नागरिक उपस्थित रहे।
प्रतियोगिता का देखा फाइनल मुकाबला
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समापन सत्र के दौरान नुवा बाट के व्हीलचेयर रेस, रिले रेस, रस्साकसी सहित अन्य प्रतिस्पर्धाओं का फाइनल मुकाबला देखा। साथ ही बस्तर अंचल के प्रसिद्ध नृत्य, नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी देखी। कार्यक्रम में गृहमंत्री और मुख्यमंत्री सहित अतिथियों ने बस्तर ओलंपिक के विजेताओं यूथ आइकॉन को प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया। इस दौरान बस्तर ओलंपिक 2024 के विधिवत घोषणा की गई और ध्वज मुख्य अतिथि को सौपा गया।
एक साल में विकास की नई इबारत
अमित शाह ने कहा कि नक्सली हिंसा से प्रभावित दिव्यांगों की जो आज व्हीलचेयर रेस हुई है, यह बस्तर के विकास की रेस है। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब बस्तर में मूलभूत सुविधाएं तक नसीब नहीं थी, लेकिन पिछले 1 साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के विकास की नई इबारत लिखी है और बस्तर के गांव-गांव तक शासकीय योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में तेजी आई और पिछले 1 साल में नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता हासिल हुई है।
जीतता वही है जो हार नहीं मानता
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि आज मैने नुवा बाट दस्ते की प्रतिभा को देखा और मेरा मन संवेदना से भर गया। ये नुवा बाट खिलाड़ियों का दस्ता देश के लिए उम्मीद की नई किरण है। उन्होंने बस्तर के युवाओं से कहा कि हार मानने वाला कभी नहीं जीतता बल्कि जीतता वो है जो कभी हार नहीं मानता। मुझे पूरा विश्वास है कि 2026 के ओलंपिक में जब बस्तर की कोई बेटी मेडल लेकर आएगी तो देश को उस पर गर्व होगा और हम इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। एकलव्य स्कूल, आदिवासी आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन, जनजाति उन्नत ग्राम योजना सहित अन्य योजनाओं से जुड़ी जानकारी साझा की।
युवाओं की छुपी प्रतिभा नजर आई
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर ओलंपिक में भाग लेकर प्रतिभागियों को ऐतिहासिक सफलता के लिए बधाई देते हुए कहा कि बस्तर ओलंपिक का यह आयोजन केवल खेल नहीं है, बल्कि बस्तर की सं स्कृति, उत्साह और प्रतिभा का उत्सव है। यह आयोजन एक संदेश देता है कि बस्तर का असली चेहरा इसकी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता है न कि माओवादी हिंसा। मुझे यह कहते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि बस्तर ओलंपिक के माध्यम से हमने इस अंचल के युवाओं की ऊर्जा को खेल के माध्यम से एक सकारात्मक दिशा देने में सफल रहे हैं। इस आयोजन के माध्यम से हमने न केवल बस्तर के युवाओं की छुपी प्रतिभा को देखा, बल्कि उन आत्मसमर्पित भाइयों और बहनों की प्रतिभा को भी देखा, जिन्होंने हिंसा की माओवादी विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा में वापसी की है। आज चेहरों पर जो मुस्कान है, वह एक खुशहाल और शांतिपूर्ण बस्तर का प्रतीक है।
कैम्प स्थापित होने से विकास अंदर तक पहुंची
मुख्यमंत्री ने कहा कि, माओवाद के मांद कहे जाने वाले इलाकों में हमने नये कैंप स्थापित किये। यहां नक्सलियों को ललकारा और उन्हें धूल चटाई। पिछले एक साल में माओवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में बड़ी सफलता मिली है। इस दौरान 200 से अधिक माओवादियों को ढेर किया गया है, 900 से ज्यादा माओवादी गिरफ्तार हुए तथा 812 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, यह बड़ी उपलब्धि है। जवानों का बढ़ा हुआ हौसला और आत्मविश्वास देखकर मैंने भी अपने भीतर नयी ऊर्जा का महसूस की है। हमारी डबल इंजन की सरकार ने नियद नेल्लानार योजना' के माध्यम से बस्तर के अंदरूनी गांव तक लोकतंत्र और विकास की किरणों को पहुंचाने में सफल हुए है। कार्यक्रम को खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने भी संबोधित किया।