जितेंद्र सोनी-जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड के ग्राम पंचायत पंडरीपानी में अवैध पत्थर खदान संचालित हो रही है। लेकिन प्रशासन द्वारा कार्यवाई नहीं होने से तस्करों के हौसलें बुलंद हैं। इस मामले को लेकर एसडीएम ने कार्रवाई करने की बात कही है।
मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत पंडरीपानी स्थित निजी खेत में साइज पत्थरों को तोड़कर उनका बिक्री किया जाता है। यहां के दबंगो की शह पर किसान को प्रलोभन देकर अवैध खनन, साइज पत्थर फोड़ने का काम कराया जा रहा है। दबंगो का बोलबाला इस कदर हावी है कि, इससे पूर्व में दूसरे जगह पर पिछले 5 सालों से खनन का कार्य पर कार्यवाई होने की वजह से दूसरे जगह पत्थरों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है। एक ग्रामवासी ने बताया कि, किसानों को प्रलोभन देकर पत्थर फोड़ने का अवैध काम कराया जा रहा है। लेकिन यह एरिया पेड़ पौधों से घिरा होने की वजह से अधिकारीयों की नजर इस पर नहीं पड़ती है।उन्होंने आगे कहा कि, यहां से भारी मात्रा में प्रतिदिन पत्थर तोड़ने का काम चल रहा है और कुछ लोगों को मोटी मुनाफा के चलते यहां पर्यावरण का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। रात के अंधेरे में ट्रैक्टर से इसका परिवहन कर मोटी कमाई किया जा रहा है।
बिना अनुमति के तोड़े जा रहे पत्थर
यहां करीब आधा दर्जन मजदूरों से यह काम करवाया जा रहा है। इतना ही नहीं दिन के उजाले में बड़े-बड़े चट्टानों को ब्लास्टिंग से उड़ाया जाता है। उसके बाद साइज पत्थर बनाकर ट्रक्टर से परिवहन किया जाता है। किसानों का कहना है कि, एक दबंग के द्वारा उन्हें प्रलोभन दिया गया है कि, साइज पत्थर के एवज में पैसा का भुगतान किया जाएगा। लेकिन इसके लिए खनिज विभाग से कोई अनुमति नही ली गई है। एक साईज पत्थर को 20 से 25 रूपए में बेचते हैं। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि, पत्थरों से कभी भी कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है।
एसडीएम बोलीं- जांच कर होगी कार्रवाई
इस मामले को लेकर एसडीएम आकांक्षा त्रिपाठी ने बताया कि, बालाझर पंचायत में एक पहाड़ को तोड़कर अवैध खनन के मामले में प्रशासन ने कारवाई किया था. पत्थरों को तोड़ने का यह दूसरा मामला आया है। टीम भेजकर मामले की जांच करायेगी जाएगी और दोषियों पर कार्यवाई की जाएगी।